May 21, 2024

सोशल मीडिया के उपयोग-दुरुपयोग के बीच जन्मती सूचना सभ्यता

आलेख : संध्या शैली/ दो दिन पहले - 12 फरवरी को -  दुनियां ने उस महान वैज्ञानिक चार्ल्स डारविन की जयंती मनायी, जिसने मानव के...

मध्यप्रदेश के मधुबन में नफरत की ताड़का नाचे रे !!

हिजाब के नाम पर कर्नाटक से भाजपा की साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की अगली लहर जिस बेहिसाब तरीके से  बेहिजाब हुयी, इसे देश-दुनिया ने देखा है। इस...

गणतंत्र दिवस विशेषांक : व्यक्तितंत्र, पूँजीतन्त्र, लट्ठतंत्र, भीड़तंत्र, धर्मतंत्र और राजतंत्र नहीं बल्कि लोकतंत्र है देश की हर नागरिक और उनके सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक – एचपी जोशी

मेरे प्यारे बुद्धजीवी देशवासियों सबसे पहले मैं हुलेश्वर जोशी आपको गणतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूँ। मेरे प्यारे देशवासियों आपको ज्ञात होनी...

फासिस्टी मनोरोग के एप्प्स : बुल्लीबाई और सुल्ली डील्स

नए साल की शुरुआत हिन्दुस्तानी फासिस्टों के एक और घिनौने कर्म के उजागर होने के साथ हुयी। जनवरी की पहली तारीख को ही सोशल मीडिया...

मुनव्वर से बरास्ते वीर दास, कुणाल तक : गहरे होते अँधेरे, मुक़ाबिल होते उजाले

पिछले सात साल में दो मामलों में मार्के का विकास हुआ है।एक : मोदी राज की उमर बढ़ी है, बढ़कर दूसरे कार्यकाल का भी आधा...

गाँव बसने से पहले ही आ पहुँचे उठाईगीरे : क़ानून वापसी के साथ-साथ कानूनों की पुनर्वापसी की जाहिर की मंशा

19 नवम्बर की भाषणजीवी प्रधानमंत्री के तीनो कानूनों को वापस लेने की मौखिक घोषणा पर कैबिनेट ने 5 दिन बाद 24 नवम्बर को मोहर लगाई...

जीत के बाद भी जारी है देश का किसान आंदोलन

संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के प्रतिनिधि, अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज तथा छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते द्वारा पत्रकार...

विश्व की सबसे समृद्ध और सर्वाधिक व्यापक है भारतीय संविधान, यह प्रत्येक भारतीयों के लिये पठनीय और पूज्यनीय भी है : एच.पी. जोशी

सबसे पहले मैं समस्त देशवासियों को भारतीय संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूँ। मैं संविधान की अपने शब्दों में व्याख्या अथवा समीक्षा...

रानी कमलापति या आदिवासियों का धृतराष्ट्र-आलिंगन? : पुरानी है भाजपा की आदिवासियों से नफरत!!

संघी कुनबे को भारत के मुक्ति आंदोलन के असाधारण नायक बिरसा मुण्डा की याद उनकी शहादत के 122वें वर्ष में आयी। अंग्रेजो से लड़ते हुए...

आसमाँ पै है खुदा और जमीं पै ये : भाजपा कार्यकारिणी में गूँजा ‘अहम् ब्रह्मास्मि’ का आलाप

हर तीन महीने में होने वाली भाजपा कार्यकारिणी की बैठक दो वर्ष के लम्बे अंतराल के बाद मात्र एक दिन के लिए हुयी और "तेरे...

राष्ट्र को समर्पण या आत्मसमर्पण? : सरकारी आयुध निर्माणियों की सेल की धूर्तता पर गर्व का गरबा करते मोदी

प्रचलन में यह है कि दशहरे के दिन अस्त्र-शस्त्रों की पूजा होती है। मगर जैसा कि विश्वामित्र कह गए हैं : "कलियुग में सब उलटा...

न्यूटन से विदुर तक : लखीमपुर खीरी पैटर्न और क्रोनोलॉजी

गांधी के जन्म दिवस के ठीक अगले दिन लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन करके वापस लौट रहे किसानों को गाड़ियों से रौंदने का, निर्ममता के...

पुरखों को गोद लेने की चतुराई वंश बेल बताने नहीं, विषबेल फैलाने के लिए है

दुनिया भर में वंश चलाने के लिए वारिस गोद लेने का रिवाज है।  जो संतानहीन होते हैं या स्वयं की संतान को जन्मने के झंझट...

17 बनाम 27 सितम्बर : तानाशाही के हाईवे पर लोकतंत्र की प्रतिरोध शिला

चारण और भाटों ने कसीदे काढ़े, नई-नई उपमा और विशेषण गढ़े, "आसमां पै है खुदा (नहीं-नहीं, ईश्वर) और जमीं पै ये"-- मार्का  प्रचार के तूमार...

निर्माण की जगह ध्वंसों और हादसों का इतिहास? : भारत की वैचारिक परम्परा के निष्कासन और बहिष्करण की संघी परियोजना!!

मध्यप्रदेश में एमबीबीएस के छात्रों को अब आरएसएस संस्थापक हेडगेवार और जनसंघ के संस्थापक नेता पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचार पढाए जाएंगे। चिकित्सा शिक्षामंत्री ने...

अल्ला हू अकबर’ और ‘हर हर महादेव’ के युग्म से इतना क्यों डर गए हुक्मरान?

5 सितम्बर के मुज़फ्फरनगर के इतवार की खासियतें इस बार कारपोरेट गोदी मीडिया के एक हिस्से को भी दर्ज करनी पड़ी। लगभग हरेक ने माना...


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