May 11, 2024

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने तीन साल में किसानों के खाता में 80 हजार करोड़ रूपये पहुंचाया

रायपुर. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने जो कहा सो किया जनता से किया वादा को पूरा किया है। छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों की सरकार है। किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने खेती किसानी को लाभकारी बनाने खेती को सुविधाजनक एवं बाधा रहित बनाने के लिए काम कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने तीन साल में धान खरीदी एवं अन्य माध्यमों से किसानों के खातों में 80,000 करोड रुपए से अधिक की राशि जमा कराई है। इसका असर छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों पर दिख रहा है, व्यापार-व्यवसाय तेजी में है, ऑटोमोबाइल, सेक्टर, ज्वेलरी मार्केट, कपड़ा व्यवसाय, किराना मार्केट, इलेक्ट्रॉनिक मार्केट सभी जगह चहल पहल है। जहां देश में आर्थिक मंदी का बुरा दौर चल रहा है छत्तीसगढ़ आर्थिक मंदी की काली छाया से दूर है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने वादाअनुसार किसानों का कर्ज माफ किया। 17 लाख 82 हजार किसानों का 9 हजार करोड़ रुपए का अल्पकालीन कृषि ऋण को माफ किया गया, 17 लाख 5 हजार किसानों का 244.18 करोड़ों का सिंचाई कर माफ किया गया। 5 लाख से अधिक किसानों को रियायती दर पर एवं निशुल्क बिजली प्रदान की जा रही है। किसानों को बिजली बिल में 3 साल में 2700 करोड़ का लाभ मिला। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार देश की पहली सरकार है जो किसानों को धान की कीमत एकमुश्त 2500 रू. प्रति क्विंटल दी। उसके पश्चात राजीव गांधी किसान योजना के माध्यम से प्रति एकड़ 10 हजार रु. की इनपुट सब्सिडी दी गई। अब राजीव गांधी किसान न्याय योजना का दायरा को बढ़ाते हुए धान के साथ अब कोदो कुटकी रागी गन्ना मक्का दलहन तिलहन फलदार वृक्ष लगाने वाले एवं सब्जी लगाने वाले किसानों को भी 10 हजार रु. प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दे रही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद पहली बार 85 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की गयी, उसके पश्चात 87 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की गयी, बीते वर्ष में 92 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी की गयी, चालू खरीफ वर्ष में राज्य निर्माण के बाद पहली बार 22 लाख 66 हजार किसानों से 1 करोड़ 5 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 5 लाख किसानो कृषि पम्प के लिए निशुल्क बिजली। गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर खरीदी से गोपालक को आर्थिक लाभ हुआ पशुधन के नस्ल सुधार हो रहे हैं। 80 हजार महिलाएं इस योजना से जुड़ कर लाभान्वित हो रही है। गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद दीया गौकास्ट पेंट सहित अनेक उत्पाद बनाकर इनकम कमा रही है खेतों में वर्मी कंपोस्ट खाद उपयोग करने से खेती का लागत मूल्य कम हुआ है खेती की उर्वरा शक्ति बढ़ी है। नरवा गरवा घुरवा बारी योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है रोजगार सृजन हुये ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या दूर हुई है भूजल का स्तर बढ़ा मृत प्राय हो चुके नहरों को पुनर्जीवित किया गया है जल संरक्षण और संवर्धन के लिए ठोस काम किए जा रहें है।

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