VIDEO : वन्य प्राणियों के जीवन में मंडरा रहा खतरा, पर्यटक और पैदल गार्ड दोनों ने पकड़ा शिकारियों का फंदा
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. बेजुबान वन्य प्राणियों का लगातार शिकार किया जा रहा है। कोटा और लोरमी परिक्षेत्र में शिकारी सक्रिय है। करेंट और तार लगाकर रात में शिकारी गिरोह द्वारा वारदात को अंजाम दिया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि जिन क्षेत्रों में प्रतिबंध लगाया है वहां तक पर्यटक कैसे पहुंच जा रहे हैं। घने जंगलों का अगर कोई फायदा उठा रहा है तो वह है शिकारी गिरोह। कभी कभाल वन विभाग के पास मामला पहुंचता है नहीं तो एक बाल भी विभाग के अधिकारियों के हाथ नहीं लगता। जानकारों का कहना है कि वन्य प्राणियों की रक्षा भगवान भरोसे चल रहा है। हाल ही में वन विभाग के पैदल गार्ड यादव ने कोटा बफर जोन के सिवलखार इलाके में शिकारियों द्वारा लगाया गया खतरनाक फंदे को जब्त किया और इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी। इस कार्य के लिये पैदल गार्ड को पुरस्कृत भी किया गया। इसी तरह वाइल्ड फोटो ग्राफर सौमित्र शेख आर्य निवासी रायपुर ने कुरदर एरिया में तार बरामद कर वन विभाग के अधिकारियों को मामले से अवगत कराया है।
ये दो अलग अलग मामले हैं कि जिस पर विभाग पर आरोप लगाया जा रहा है कि पैदल गार्ड यादव को विभागीय वाहवाही लूटने के लिये पुरस्कृत किया गया है जबकि रायपुर निवासी शेख आर्य को इनाम मिलता था। चंदन केसरी संवाददाता से चर्चा करते हुए एटीआर के सहायक संचालक संजय लुथर ने बताया कि हमारे पैदल गार्ड यादव ने सिवलखार में जानलेवा फंदा बरामद किया है जिसे विभाग की ओर पुरस्कृत किया गया है पर्यटक की यहां कोई भूमिका नहीं है। पर्यटक ने जो फंदें की विभाग को सूचना दी है वो करीब 25 से 30 किमी दूर कुरदरगढ़ परिक्षेत्र की घटना है जिसे अचनाकमार में रखा गया है। उन्होंने बताया कि पर्यटक ने जो फंदा बरामद किया है वह खरगोश जैसे छोटे जानवरों को पकडऩे के लिये उपयोग किया गया था।
पैदल गार्ड की सक्रियता से जिस फंदे को बरामद किया गया है वह बड़े जानवरों के लिये लगाया गया था। दोनों ही मामले अलग अलग है विभाग द्वारा वाहवाही लूटने के लिये पुरस्कार नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि हमारे सीसीए साहब के आदेश अनुसार कोई भी वन कर्मी अगर जंगल में आग या फिर जानवरों के मारने के लिये लगाये गये फंदा बरामद करता है तो वह पुरस्कार का हकदार होगा।