प्रधानमंत्री के अथक प्रयासों से ही बिना किसी विवाद से हुआ भगवान श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा : कौशिक
बिलासपुर. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने विधानसभा में अयोध्या में विराजे भगवान श्री रामललला का इतिहास बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने विधानसभा में अयोध्या में विराजे भगवान श्री रामललला का बताया इतिहास बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भगवान राम का त्रेतायुग में जन्म हुआ। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना की है। वाल्मिकी जी ने रामायण की रचना की है और अनेक ऐसे ग्रंथ मिल जायेंगे, जिसमें प्रभु श्रीराम चंद्र जी की और उनके पूर्वज राजा दशरथ से लेकर, राजा अज से लेकर, रघु कुल से लेकर, ये सारी बातों का उल्लेख हमारी ग्रंथों में आया है। अयोध्या में भगवान श्री राम का जन्म हुआ और कालांतर के साथ हम द्वापर और द्वापर के बाद आज कलयुग में आये, लेकिन अयोध्या में जहां भगवान राम ने जन्म लिया, वह मंदिर स्थापित रही। किन्तु पिछले पांच सौ सालों के विवाद के बाद हमने पुनः श्री राम भगवान को रामलला की जन्मभूमि अयोध्या में विराजे है।
श्री कौशिक ने कहा कि इस देश में अनेक मुख्यमंत्री हुए, आयोध्या में एक ईंट नहीं लगा सके लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि भगवान की प्रेरणा हुई, भगवान भी देख रहे थे, नरेन्द्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री कब बनेंगे और योगी आदित्यनाथ कब मुख्यमंत्री बनेंगे, तब मेरा पर्दापण होगा। जब नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने तो यह सभी ने देखा है कि बिना खून खराबा के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई। जो लोग यह कहते थे कि यहां पर खून की नदियां बह जाएंगी लेकिन पांच मिनट का समय नहीं लगा। हमारे सुप्रीम कोर्ट के माननीय जज द्वारा आधे घंटे के अंदर फैसला आ गया। जहां पर मस्जिद बना हुआ है, वह प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि है, वहां पर आप मंदिर का निर्माण करा सकते हैं, सारी बाधाएं समाप्त हो जाती है। 5 अप्रैल, 2020 को प्रधानमंत्री जी के करकमलों से आयोध्या में भूमिपूजन हुआ और भूमिपूजन होने के बाद 22 जनवरी, 2024 को आयोध्या में भगवान श्रीराम पधारे। उनकी प्राण प्रतिष्ठा हुई है। इस देश के करोड़ों, जो हिन्दू सनातन धर्म को मानने वाले हैं, 22 जनवरी को आयोध्या को लाईव देख रहे थे, आयोध्या में कैसा प्राण प्रतिष्ठा हो रहा है, उस दिन रात को दिवालिया मनाई गयी है, घर-घर में फटाके फूटे हैं, वहां पर दिये जलाये गये हैं, घर में रौशनी की गयी है। इस प्रकार से भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हुई है। श्री कौशिक ने इसके लिए केन्द्र सरकार और इस देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को छत्तीसगढ़ विधान सभा की तरफ से धन्यवाद ज्ञापित किये और कहा कि यह सब उनके अथक प्रयासों से ही यह संभव हुआ है। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई है। उसके लिए हम नरेन्द्र मोदी जी को बहुत-बहुत बधाई देते हैं, हम उनका आभार व्यक्त करते हैं। संस्कृति मंत्री बृजमोहन जी ने जो प्रस्ताव लाया है, हम उसका समर्थन करते हैं।