May 8, 2024

NIA को छापे से पहले मिले थे PFI नेताओं की जीपीएस लोकेशन

Operation Octopus success story: प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) के खिलाफ नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी पर बड़ा खुलासा हुआ है. सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पीएफआई पर हुई देशव्यापी छापेमारी से पहले खुफिया एजेंसियों ने पीएफआई के सभी बड़े नेताओं की करेंट लोकेशन की पुख्ता जानकारी जुटाई थी. पीएफआई के जिन नेताओं के यहां छापे डाले जाने थे उनका जीपीएस लोकेशन पिन-प्वाइंट कर एनआईए और ईडी को मुहैया कराई गई थी जिससे रेड के लिए जाने वाली टीम सही ठिकाने पर कारवाई करे.

एजेंसियों के रडार पर था टॉप काडर

वहीं सूत्रों के मुताबिक इसके लिए कई महीनों से पीएफआई के हर बड़े काडर पर खास नजर रखी जा रही थी. पीएफआई के खिलाफ किये जाने वाली कार्रवाई की सीक्रेसी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि रेड से कुछ ही घंटे पहले राज्यों की पुलिस को इसकी जानकारी शेयर की गई थी.

केंद्रीय सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, पीएफआई के खिलाफ रेड से पहले रात को 12 बजे राज्यों की पुलिस के साथ पीएफआई के खिलाफ की जाने वाली जानकारी शेयर की गई थी जिससे रेड की जानकारी बाहर लीक न हो. पीएफआई नेताओं की जीपीएस लोकेशन एनआईए और ईडी की टीम को दिये गये थे जिससे छापे करने वाली टीम कहीं गलती से गलत लोकेशन पर रेड न कर दे. यहीं नहीं छापे से एक दिन एक बार फिर से सभी पीएफआई नेताओं की करेंट लोकेशन की जानकारी हासिल की गई थी जिससे कोई भी पीएफआई का बड़ा काडर बच न पाये.

‘कई राज्यों में फैली थी आतंकी बेल’

देश के कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों से लगातार हिंसा और आतंक से जुड़े मामलों में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया यानी पीएफआई से जुड़े संदिग्धों का नाम सामने आने से सुरक्षा एजेंसियां चिंतित थी. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक ,केरल जैसे राज्यों में हुए हिंसा में पीएफआई से जुड़े आरोपियों का नाम सामने आने से ये जरुरी हो गया था कि उस पर कड़ी कारवाई की जाये. गृह मंत्री अमित शाह पीएफआई पर कारवाई करने का मन बना चुके थे. सबसे पहले पिछले महीने की 29 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की.

हाई प्रोफाइल बैठक में बना सीक्रेट प्लान

इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आईबी चीफ तपन डेका समेत रॉ चीफ सामंत गोयल भी मौजूद थे. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने सभी एजेंसियों को ये निर्देश दिया कि पीएफआई और उससे जुड़ी गतिविधियों की जानकारी इकट्ठी की जाये. सभी एजेंसियों को अलग अलग जानकारियों को इकट्ठा करने को कहा गया. पीएफआई के खिलाफ ऑपरेशन का कोड नेम ऑपरेशन ऑक्टोपस रखा गया.

पहले तैयार हुआ डोजियर

पापुलर फ्रंट आफ इंडिया यानि पीएफआई पर पिछले दिनों हुए रेड से पहले खुफिया एजेंसी आईबी और रॉ ने पीएफआई की गतिविधियों की अहम जानकारियां इकट्ठी की थी जिसमें उसके कैडर और उनके नेताओं से जुड़ी जानकारियों वाली एक डोजियर तैयार किया था. छापे से पहले पीएफआई के डोजियर को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मुहैया कराई गई थी. जी मीडिया को मिली एक्सलूसिव जानकारी के मुताबिक मिडनाईट में हुए ऑपरेशन से पहले दिल्ली में एक स्पेशल कंट्रोल रूम बनाया गया था. गृह मंत्री लगातार ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे. ऑपरेशन की रात राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और आईबी चीफ तपन डेका कंट्रोल रूम में मौजूद थे.

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