तहसील कार्यालय : लोकसेवा केन्द्र के पास पसरी गंदगी
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. भले ही बिलासपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल गया है किंतु शहर में चारों ओर गंदगी पसरी हुई है। खासकर सरकारी कार्यालयों व आसपास में रख रखाव और सफाई व्यवस्था नहीं होने के कारण आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मूत्रालय, शौचालय और पीने की पानी तक की व्यवस्था नहीं है। तहसील परिसर में पसरी हुई गंदगी के बीच लोग आवाजाही कर रहे हैं किंतु आला अधिकारियों को जन समस्या से कोई लेना देना नहीं है। रिश्वत के दलदल में गले तक फंसे तहसील के आला अधिकारियों को कम से कम कार्यालय परिसर के आसपास सफाई व्यवस्था और आम लोगों के लिये मूत्रालय, बैठक की व्यवस्था पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
तहसील दफ्तर में संचालित हो रहे लोकसेवा केन्द्र के बाहर खड़े होने की ठीक से व्यवस्था नहीं है। न ही लोगों के लिये बैठने की व्यवस्था की गई है और सबसे खराब स्थिति यह है कि यहां साफ-सफाई तक नहीं कराई जा रही है। लगाये गये टीन के शेड से भी पानी टिपक रहा है। तहसील परिसर के अंदर मूत्रालय के भीतर जाने लायक स्थिति नहीं बदबू और गंदगी के कारण लोग यहां से गुजरने के दौरान नाक पर कपड़ा ढककर चलते है। पुरूषों की बात कहे तो वे कहीं भी कोना पकड़कर अपना काम कर लेते हैं, लेकिन महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिलासपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा भले ही मिल गया है लेकिन सफाई व्यवस्था पर कोई खास जोर नहीं दिया गया है। कचरा उठाने के लिये लाखों का भुगतान भले ही ठेका कंपनी ले रही है किंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। शहर के नाले-नालियों की सफाई से आम जनता भलि भांति वाकिफ है। बरसात में नाली का पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। जगह-जगह कचरा जाम पड़ा हुआ है। खासकर सरकारी दफ्तरों में आने वाले आम लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए भी जिला प्रशासन द्वारा आज तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। पुरानी कम्पोजिट बिल्डिंग में चारों ओर गंदगी पसरी हुई है, एक भी स्थान में लोगों के पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं की गई है। कम्पोजिट बिल्डिंग परिसर में पैदल चलने को जगह नहीं है चारों तरफ स्टांप वेंडर, दस्तावेज लेखकों और वकीलों ने अवैध कब्जा कर लिया है।