“शहर के रसूखदार उद्योगपति अपनी पहुंच का धौंस दिखाकर हथिया रहे हैं डॉक्टरों की जमीन”
बिलासपुर. भू माफियाओं का आतंक शहर में रुकने का नाम नहीं ले रहा। डॉक्टरों की जमीन पर सुनील ऋषि बलात् कबजा करने का प्रयास कर रहे हैं। निवर्तमान पुलिस अधीक्षक के स्थानांतरण की खबर लगते ही पुनः शहर में भू माफियाओं के हौसले बुलंद हो चुके हैं, और इनके हौसले इतने बुलंद हैं कि वे स्वयं अपने आप को कानून समझ नहीं लगे हैं और कानून को अपने हाथ में लेकर किसी की भी जमीन पर अवैध कब्जा करने से नहीं चूक रहे हैं।ताजा मामला वंदना हॉस्पिटल के संचालक एवं समाजसेवी डॉक्टर चंद्रशेखर उएके एवं डॉ विजय कुर्रे के जमीन पर भू माफिया सुनील ऋषि एवं करण ऋषि के जबरदस्ती बलात् कब्जा करने का मामला है। इस विषय में ज्ञात हुआ है कि मंगला से उसलापुर ब्रिज जाने वाले मार्ग पर डॉ चंद्रशेखर एवं विजय कुर्रे का डायवर्टेड प्लॉट है, जिस पर वह विगत 2 वर्षों से बाउंड्री वाल करके काबीज है। उक्त जमीन पर सुनील ऋषि उनका पुत्र करण ऋषि गिद्ध नजर जमाए बैठे थे और वह कूटनीतिक प्रयासों से उक्त जमीन पर कब्जा करना चाह रहे थे। दिनांक 5 दिसंबर को बिना किसी शासकीय आदेश के सुनील ऋषि अपने पुत्र कर्ण ऋषि अन्य सहयोगियों के साथ डॉक्टर के जमीन पर पहुंचकर अपने गुर्गों के साथ इनके बाउंड्री वाल को जेसीबी और मजदूर लगाकर तोड़ दिए। जब इस बाबत जानकारी डॉक्टर चंद्रशेखर को हुआ तो वह अपने सहयोगी डॉ विजय कुर्रे एवं अपने परिवार जनों के सहित वहां पहुंचकर अपने जमीन पर बलात कब्जा रोकने का प्रयास की। जिस पर सुनील उनके पुत्र कर्ण ऋषि के द्वारा डॉक्टर चंद्रशेखर उईके डॉक्टर विजय कुमार कुर्रे के साथ गाली गलौज धक्का-मुक्की जान से मारने की धमकी एवं जाति सूचक शब्दों से गाली गलौज कर अपमानित करने का प्रयास किया गया। विदित हो कि पुलिस अधीक्षक दीपक झा के रहते तक भू माफियाओं के हौसले पस्त हो चुके थे। उनके स्थानांतरण की खबर लगते ही भूमाफिया फिर से लोगों के जमीन पर बलात कब्जा करने के प्रयास में लग चुके हैं। इसका ताजा उदाहरण सीधे-साधे एवं जन सेवा में लगे हुए डॉक्टरों के जमीन पर कब्जा करने का मामला है। इस विषय में डॉक्टर चंद्रशेखर एवं डॉ विजय कुमार ने सिविल लाइन थाने में अपराध दर्ज कराया है, परंतु पुलिस विभाग के द्वारा अभी एट्रोसिटी का अपराध दर्ज नहीं किया गया है।
ज्ञात हुआ है कि सुनील ऋषि बिलासपुर शहर के एक बड़े उद्योगपति परिवार से ताल्लुक रखते हैं। जिनके रसूख का प्रयोग करके सीधे साधे डॉक्टरों की जमीन पर कब्जा करना चाह रहे हैं। यहां विशेष मामला यह है कि सुनील ऋषि से जब पुलिस वालों ने उनके तथाकथित जमीन के रजिस्ट्री पेपर आदि मांगे तो वह अपने पेपर दिखा नहीं पाए तो यह भी एक जांच का विषय है कि कोई भी जमीन किसी व्यक्ति के नाम पर या तो उसके पूर्वजों की जमीन होगी फोती नामांतरण तब आएगा, या दान वसीयत से आएगा या फिर रजिस्ट्री से प्राप्त होगा। उक्त जमीन को अफरा-तफरी करके अपने नाम पर कैसे चढ़ा लिए हैं यह भी जांच का विषय है। प्रशासन इस विषय में कड़ी कार्रवाई करता है या फिर लचीला रुख अपनाता है यह अभी देखने का विषय है।