May 6, 2024

कोटा ब्लॉक का मामला… रेडी टू ईट योजना में जमकर किया जा रहा है भ्रष्टाचार, सभापति ने कलेक्टर को सौपी जांच रिपोर्ट

बिलासपुर/अनीश गंधर्व. महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित रेडी टू ईट योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। आंगन बाड़ी क्रेंद्र से वितरित होने वाले कुपोषित आहार पर सीधे सीधे डाका डाला जा रहा है। महिला बाल विकास विभाग के आला अधिकारियों की शह पर राज्य की भूपेश बघेल सरकार को बदनाम किया जा रहा है। राज्य की गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चो के पेट में ऐसा लात मारा जा रहा है कि आगामी चुनावों में सरकार के चारो खाने चित हो जाए और कुर्सी में विपक्ष फिर से काबिज हो जाए। खासकर उन कुपोषित बच्चों के आहार पर हाथ मारा जा रहा जिनके भविष्य को लेकर सरकार बेहद गंभीर और चिंतित हैं।

कोटा जनपद के सभापति कन्हैया गंधर्व ने चंदन केसरी संवाददाता को बताया कि कोटा ब्लॉक में पूरक पोषण आहार रेडी टू ईट योजना में जमकर मनमानी की जा रही है। परियोजना के आला अधिकारी इतने बेलगाम हो चुके है की उन्हे जन प्रतिनिधियों का कोई खौफ नहीं रह गया है । परियोजना के आला अधिकारी आधे से ज्यादा रकम रिश्वत के रूप में मांग रहे हैं।

परियोजना अधिकारी गजेंद्र सिंह ठाकुर, लेखापल, सुपरवाइजर और पर्यवेक्षक योजना में जमकर मनमानी कर रहे है। हालत ये हो गए है कि कमीशन के चक्कर में जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। 35 से 40 प्रतिशत कमीशन अधिकारियों को परोसने के बाद स्व सहायता समूह द्वारा क्या वितरण किया जा रहा है और कैसे बनाया जा रहा उसे देखने के लिए कोई तैयार नहीं है, जबकि इसकी निगरानी परवेक्षक की जिम्मेदारी है। कमीशन दो और बिल पास कराओ की तर्ज पर योजना को संचालित किया जा रहा है।

भूषा परोसा जा रहा है
कोटा परियोजना अधिकारी के संरक्षण में रेडी टू ईट के नाम पर भूषा परोसा जा रहा है। कोटा ब्लाक के कुपोषित बच्चों के दिए जाने वाले आहार के बदले उन्हे भूषा परोसा जा रहा है। राज्य सरकार की महत्ती योजना का लाभ गर्भवती महिलाओं व 0 से 6 वर्ष के बच्चों नहीं मिल पा रहा है। बल्कि उन्हें पोषण आहार के बदले में भूषा वितरण किया जा रहा है। कोटा ब्लाक में चल रही धांधली से हितग्राही सकते में हैं। जनहित में जिम्मेदार अधिकारियों  पर तत्काल प्रभाव से निलंबन की करवाई की मांग लोग कर रहे हैं।
महिला पर्यवेक्षक निर्मला जांगड़े की काली करतूत सामने आई
महिला पर्यवेक्षक निर्मला जांगड़े ने अपनी काली कमाई के सीधे तौर पर 35 प्रतिशत राशि की मांग की है। रिश्वत के पैसे नहीं अदा करने पर उन्होंने घासीपुर स्व सहायता समूह से काम छीन लिया और यहाँ का काम चपोरा सेक्टर को दे दिया। खुलेआम चल रही रिश्वत खोरी के चलते क्षेत्र में आधे से भी कम समान वितरित हो पा रहा है। सभापति ने जब जांच की तो लड्डू का वजन कम मिला और आधे अधूरे समान से ही रेडी टू ईट का निर्माण किया जाना पाया है। जिसकी सेक्टर वार जानकारी उन्होंने कलेक्टर बिलासपुर और कोटा एस डी एम को दी है।

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