VIDEO : मछुआ परिवार के सदस्य भाजपा शासनकाल में तालाब का ठेका नहीं ले पाते थे – एमआर निषाद
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. माता बिलासा की नगरी बिलासपुर को सादर प्रणाम कर मछुआ महासंघ ने एक विशेष बैठक आयोजित की । इस बैठक में मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त एमआर निषाद और समाज के विधायक कुंवर निषाद शामिल हुए। समाज की मांगों और बातों को लेकर बैठक में चर्चा की गई। इस दौरान समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
चांटीडीह डबरीपारा स्थित केंवट समाज के भवन में मछुआ महासंघ युवा प्रकोष्ठ बिलासपुर के तत्वाधान में एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद व विधायक कुंवर निषाद उपस्थित हुए। समाज के जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों व युवा प्रकोष्ठ द्वारा बैठक में आये अतिथियों को जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद बैठक कर समाज की मांगों और आगामी योजनाओं पर चर्चा की गई। एक बयान में मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि मछुआ परिवार के सदस्य भाजपा शासनकाल में तालाब का ठेका नहीं ले पाते थे इसी बीच बिचौलियों के चलते उन्हें मजदूरी करनी पड़ती थी। मछुआरों को लाभ पहुंचाने के लिये अब आने वाले समय में नीति पारित होने वाला है। प्रदेश के बांधों पर भी मछुआ समाज के लोग मछली पालन कर सके इस पर सरकार द्वारा निर्णय लिया जा रहा है। हजारों एकड़ में फैले केरा डेम में भाजपा शासन काल में नीलामी की प्रक्रिया की गई थी जिसका हम लोगों ने विरोध किया था, सरकार ने हड़ताल रद्द कर दिया था।
बाकी के नौ डेम भी नीलामी में चल रहा है इनमें मछुआ समाज के हित के लिये कार्य योजना बनाई जा रही है। माता बिलासा की नगरी बिलासपुर को सादर प्रणाम करते हुए विधायक कुंवर निषाद ने कहा कि यहां आना मेरे लिये सौभाग्य की बात है। हम यहां समाज की बैठक लेकर मांगों और कुछ बातों को लेकर चर्चा करने आये हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज के बारे में विस्तार से बताया कि भाजपा के 15 साल और कांग्रेस के ढाई साल में काफी अंतर आया है। हमने अपने घोषणा पत्र में 36 वादे किये थे जिनमें से 26 पूरे कर लिये गये हैं। आने वाले समय में समस्त वादों को पूरा कर लिया जाएगा। डेढ़ साल के कोरोना काल के कारण सकंट का दौर रहा लेकिन छत्तीसगढ़ की सरकार ने जनता को यह आभास होने नहीं दिया। सरकार का ध्यान खादान्न चावल सहित जनता को समस्त सुविधाएं उपलब्ध कराने पर रहा है।