May 11, 2024

VIDEO : मंडल कमीशन लागू करने के लिए होगी 27 विधानसभाओं में साईकिल रैली

बिलासपुर. बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष सूरज यादव ने  कहा कि छत्तीसगढ़ एकता मंच एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, छत्तीसगढ़ कलार महासभा, छ.ग. प्रदेश महिला स्वसहायता संघ, संयुक्त मोर्चा ( sc/st/obc/minority), युवा यादव महासभा छत्तीसगढ़, नागरिक सुरक्षा सेवा संघठन के सयुंक्त तत्वाधान में छत्तीसगढ़ में मंडल कमिशन लागू करने के लिए प्रदेश के 27 विधानसभाओ से होते हुए साईकिल रैली का आयोजन किया जाना है।
https://youtu.be/C-PZmQ-aVIw
इस रैली की शुरुआत 17 अगस्त  को पाली तानाखार विधानसभा से की जाएगी जिसका समापन 25 दिसंबर विनधेश्वरी प्रसाद मंडल जी जो की मंडल कमिशन के अध्यक्ष भी थे उनकी 104 वीं जयंती को मनाते हुए किया जायगा। छत्तीसगढ़ में आम छत्तीसगढ़िया युवाओं को रैली के माध्यम से मंडल कमिशन की उपयोगिता को बताना है मंडल कमिशन के लागू होने से ओबीसी, एस. टी. एस सी के युवाओं को क्या लाभ मिलेगा इसकी जानकारी दी जायगी। जबकी कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था की छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के आते ही obc को 27% का आरक्षण दे दिया जायगा जो की अब तक नहीं दिया गया है। जबकी मंडल कमिशन 7 अगस्त 1990 को वी पी सिंग जी की सरकार द्वारा लागू किया गया था।छत्तीसगढ़ बनने के आज 22 वर्ष होने वाले है लेकिन आज तक भी यह मंडल कमिशन लागू नहीं किया गया जिसमें 50 सिफारिशे थीं जिसमें सबसे मुख्य बिंदु पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण था। आज भी छत्तीसगढ़ में पिछड़े वर्ग को 14% का ही आरक्षण दिया जा रहा है। कांग्रेस सरकार से इस रैली के माध्यम से आरक्षण लागू करने के लिए अनुग्रह है हमारी मांग जल्द से जल्द पुरी की जाए। पत्रकारों से चर्चा के दौरान विजय जायसवाल क्लार समाज के प्रदेश अध्यक्ष, प्रभु सिंह जगत प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी,कुलदीप सिंह मरकाम प्रदेश संगठन मंत्री गोंडवाना गणतंत्र पार्टी,मौजूद रहे।
मंडल कमीशन का गठन 20 अगस्त उन्नीस सौ 78 मैं भारत के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के कार्यकाल में हुआ था।जो कि गैर कांग्रेसी सरकार थी मंडल कमीशन की पृष्ठभूमि रखने वाले श्री बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल थे जो कि बनारस में 25 अगस्त 1918 में इन्होंने अपने राजनीतिक सफर जारी रखते हुए पिछड़े वर्ग के लोगों की हितों को ध्यान में रखते हुए मंडल कमीशन की बात रखी थी जिस पर तत्कालीन मोरारजी देसाई सरकार ने मंडल कमीशन का गठन किया था । बी पी मंडल बिहार प्रांत के मुख्यमंत्री रहे बिहार प्रांत के 7 बार मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें पिछड़े वर्गों के सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति के बारे में अच्छी तरह से जानकारी थी। फलस्वरूप सांसद रहते हुए उन्हें सदन में अनुसूचित जाति जनजाति के समान ओबीसी आरक्षण की बात की तत्कालीन समय में 22.5 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को उनके जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जा रहा था। उसी के आधार पर उन्होंने पिछड़े वर्गों के जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिए जाने पर बल दिया तथा पिछड़े वर्गों के शैक्षिक आर्थिक एवं सामाजिक सुधार के लिए आरक्षण को नितांत आवश्यक माना तत्कालीन सरकार ने उनकी अगुवाई में मंडल कमीशन का गठन किया मंडल कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में प्रस्तुत किया। तत्कालीन आबादी के आधार पर पिछड़े वर्ग के लोगों को पूरे देश में 27% आरक्षण देने की नितांत आवश्यकता है।
चाहे वे किसी भी धर्म के हो तथा पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आते हैं वैसे भी 27% आरक्षण की हद में आते हैं। 25 अगस्त 1918 को जन्मे श्री बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल मंडल कमीशन के अध्यक्ष बने तथा उनकी अगुवाई वाली मंडल कमीशन ने शासन के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें कहा गया। पहला पिछड़े वर्ग के लोगों को उनकी सामाजिक सर्वे करते ही उनकी समाज की स्थिति का पता कर सामाजिक समानता के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाए।दूसरा उनकी आर्थिक स्थिति को पता करते हैं पिछड़े वर्ग के अन्य जाति या जातियों का समूह जिनकी स्थिति इनसे उन्नत हो उनके समकक्ष लाने के लिए 27% आरक्षण नितांत आवश्यक है।तीसरा शैक्षिक स्थिति में सुधार की स्थिति में सुधार के लिए पिछड़े वर्ग के अंतर्गत आने वाले के समस्त जातियां या जातियों का समूह जो पिछड़े वर्ग के अंतर्गत आते हैं किंतु शिक्षा से वंचित हो जाते हैं उन समस्त बच्चों के लिए शिक्षा एवं नौकरी में आरक्षण की नितांत आवश्यकता को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 49.5% आरक्षण की हद को ना पार करते हुए सरकार के द्वारा पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण को मंजूरी मिली।किंतु आरक्षण विरोधी लोगों के द्वारा इस पर आपत्ति की गई तथा यह आरक्षण आज भी विवादों में फंसा हुआ है तथा पिछड़ा वर्ग के लोगों को मंडल कमीशन का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। मंडल कमीशन लागू होने पर जनसंख्या के अनुपात में 27% पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण दिए जाने से वर्ग की जातियां जो सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े हैं उन्हें अपने जीवन स्तर में सुधार में काफी मदद मिलेगी लेकिन वर्तमान सरकार के द्वारा विशेषकर के छत्तीसगढ़ के संदर्भ में इस पर किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है।तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े स्वर्णो को 10% आरक्षण प्रदान कर दिया गया किंतु पूरे देश की आधी आबादी में कब्जा रखने वाले ओबीसी वर्ग को कोई भी सरकार 27% आरक्षण देने पर तैयार नहीं है।इससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार खुद अन्य पिछड़ा वर्ग को उनका अधिकार नहीं देना चाहती अगर 27% आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया जाता है सरकार पर आंच ना आ जाए।
मंडल कमीशन भारतीय इतिहास में ऐसा कमीशन है जो छत्तीसगढ़ सहित पूरे भारत के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाने के लिए काफी है। अगर पिछड़ा वर्ग के लोग 27% आरक्षण की ताकत को समझ ले कोई भी सरकार इनके बिना किसी भी प्रदेश में सरकार नहीं चला सकती।इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार जानती है। अगर 27% आरक्षण ओबीसी वर्ग को दे दिया जाए तो सरकार खतरे में आ सकती हैं शायद इन्हीं कारणों से घोषणा करने के बावजूद भी छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के पिछड़ा वर्ग के लोगों को 27% आरक्षण देने से मुकर रही है। कांग्रेस सरकार से इस रैली के माध्यम से आरक्षण लागू करने के लिए अनुग्रह है हमारी मांग जल्द से जल्द पुरी की जाय।

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