March 28, 2024

बिना परिवार के मर्जी से, शादी अक्सर असफल होती है, लव मैरिज से बचे – डॉ. किरणमयी नायक

आज की सुनवाई में 35 में से 32 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गये एवं बाकी प्रकरणों को आगामी सुनवाई के लिए रखा गया

बिलासपुर. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य  अर्चना उपाध्याय एवं डॉ. अनिता रावटे ने आज प्रार्थना सभा कक्ष, जल संसाधन परिसर बिलासपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 174 वीं जन सुनवाई हुई। आज की जनसुनवाई में कुल 35 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे।
सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि पांच माह पूर्व आपसी सुलह हो गया प्रकरण में कोई कार्यवाही नही चाहती है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका लगातार 03 बार अनुपस्थित अनावेदिका उपस्थित अनावेदिका द्वारा बताया गया कि उसने आवेदिका के विरूद्ध केस दर्ज कराई हुई है, 107/116 की कार्यवाही की गई थी। अतः आवेदिका की लगातार अनुपस्थिति के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। अनावेदक द्वारा बताया गया कि बिलासपुर परिवार न्यायालय में भरण पोषण का मामला लंबित है। आवेदिका अनुपस्थित है न्यायालय में प्रकरण लंबित होने के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
आवेदिका उपस्थित अनावेदिका अनुपस्थित आवेदिका ने बताया कि अनावेदिका उसकी बहु है। जो साथ रहने पर उन्हे बहुत परेशान कर रही थी। अब अनावेदिका आवेदिका से अलग रहती है। और उसने न्यायालय में आवेदिका के बेटे के विरूद्ध मामला प्रस्तुत कर दिया गया है। चूंकि अनावेदिका अब आवेदिका को परेशान नहीं करेगी इसलिए प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका की मृत्यु होने के कारण उनके पुत्र उपस्थित एसपी का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। अनावेदक के विरूद्ध धारा 420 के तहत केस दर्ज किया जा चुका है इसकी पुष्टि होती है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
आवेदिका अनुपस्थित अनावेदक आवेदिका का पुत्र है उसके द्वारा सीजेएम बिलासपुर के अदालत दस्तावेजों की कॉपी प्रस्तुत किया है ंअनावेदक का कथन है कि अनावेदक के सगे बड़े भाई के साथ उनकी मां रहती है और भईयों के बीच न्यायालय में मामला लंबित होंने के कारण बचने के लिए मां की आड़ में झूठे शिकायत दर्ज गई है। अनावेदक के द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों से पुष्टि होती है प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
आवेदिका ने वर्ष 2018 में प्रकरण दर्ज किया था उसके बाद लगातार अनुपस्थित है अनोवदक आवेदिका के नाती है। उसने बताया कि उनके बीच जमीन का मामला न्यायालय में लंबित है। और आवेदिका जो अनावेदिका की दादी है दोनो की मृत्यु हों चुकी है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित आवेदिका ने बताया कि अनावेदक बिल्डर उनके खिलाफ रेरा में प्रकरण चल रहा हैं उभयपक्षों के बीच रेरा में कार्यवाही चलने के कारण आयोग में अलग से कार्यवाही किया जाना उचित नहीं होगा अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
आवेदिका उपस्थित अनावेदिका अनुपस्थित आवेदिका ने अपने बहु के खिलाफ और उसने स्वतः जानकारी दिया कि न्यायालय में कई प्रकरण लंबित है और कई प्रकरण निराकृत हो गया है। न्यायालय में प्रकरण लंबित होने के कारण नस्तीबद्ध किया जाता है। अनावेदक ने शिकायत किया कि परिवार की सहमति से सामाजिक रीति से उनका विवाह सफल है। लव मैरिज में न लव बचा न ही मैरिज।
आवेदिका लगातार 03 बार अनुपस्थित है अनावेदक उपस्थित उसने बताया कि उसने आवेदिका से लव मैरिज किया था। उसे छोड़कर आवेदिका अबतक चौथी शादी कर चुकी है। और इन दोनो पक्षों के बीच न्यायालय में मामला चल रहा था जो खारिज हो चुका है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
आवेदिका अनुपस्थित उसके ओर से उसके पति राजकुमार यादव उपस्थित अनावेदक अनुविभागीय अधिकारी की लिपिक उपस्थित। अनावेदक ने बताया कि अरपा भैसाझार परियोजना में आवेदिका के पति का जमीन भू अधिग्रहण नियमानुसार किया गया था। भू अधिग्रहण मामलों में ट्रिब्यूनल में जाकर आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। आवेदिका के पति ने जानकारी दिया गया कि सिंचित भूमि का अधिग्रहण हुआ है। अधिग्रहण में असिंचित भूमि लिखा गया था। जिसके खिलाफ आयोग में प्रकरण प्रस्तुत किया था। इस प्रकरण में आयोग से आवेदिका के पति को जो विलम्ब हुआ उसे ट्रिब्यूनल में अपना पक्ष रखने की अनुशंसा आयोग से की जाती है। प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित आवेदिका ने बताया कि उसका प्रकरण 3 साल पुराना है। इस बीच आवेदक ने दूसरा विवाह कर लिया है और आवेदिका अपने बच्चों और परिवार के साथ खुश है और प्रकरण पर आगे कार्यवाही नहीं चाहती है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। आज की सुनवाई में आयोग द्वारा 35 में से 32 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया एवं बाकी प्रकरणों को आगामी सुनवाई हेतु रखा गया।

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