भारत को आत्मनिर्भर बनाने विवेकानंद की दृष्टि अपनाएँ युवा : प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल
वर्धा. स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भरता की दृष्टि दी और सामाजिक नेतृत्व करने के लिए प्रेरणा प्रदान की। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए युवाओं को विवेकानंद की दृष्टि को अपनाने की आवश्यकता है, यह विचार महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने व्यक्त किये।
विश्वविद्यालय में 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनायी गई। इस उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से ‘आत्मनिर्भर भारत और युवा सामाजिक नेतृत्व’ विषय पर तरंगाधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने की। कार्यक्रम में वक्ता के रूप में दीन दयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन उपस्थित थे।
कुलपति प्रो. शुक्ल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि लोकमान्य बाल गगांधर तिलक, महात्मा गांधी, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, पं. मदन मोहन मालवीय आदि नेताओं पर स्वामी विवेकानंद के विचार–दर्शन का प्रभाव रहा है। स्वामी विवेकानंद ने अन्यों के विकास को लक्ष्य बना कर स्वयं का विकास करने का विचार रखा और इसी विचार को युवाओं को आत्मसात करने की प्रेरणा दी। युवाओं के लिए उनके विचार सर्वोत्तम आदर्श एवं प्रेरक है। उनकी इस दृष्टि का सिंहावलोकन करने से पता चलता है कि भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के अनेक पड़ाव सफलतापूर्वक पूरे किये हैं। हमें नई दृष्टि से सोचकर भारत के बारे में आत्मनिर्भरता का संकल्प लेना चाहिए। प्रो. शुक्ल ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी विवेकानंद के इस विचार को आगे बढ़ाया कि व्यक्ति और समाज आत्मनिर्भर हो तभी राष्ट्र आत्मनिर्भर हो सकता है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद ने उपेक्षित और पीड़ितों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उनका मानना था कि व्यक्ति स्वावलंबी नहीं होगा तब तक स्वाभिमान से जी नहीं सकता। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने उद्यमशील युवाओं का स्वप्न देखा था। इस दृष्टि से वे युवाओं के आदर्श और उन्हें प्रेरणा देने वाले हैं।
कार्यक्रम की प्रस्तावना में राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक और दूर शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ. के. बालराजु ने कहा कि राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचारों का अनुसरण करना राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रत्येक स्वयंसेवक का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने हेतु युवा सामाजिक नेतृत्व का विकास करना आवश्यक है और इस दिशा में युवाओं की बड़ी भूमिका हो सकती है।कार्यक्रम का प्रारंभ कुलगीत से तथा समापन राष्ट्रगीत (वंदे मातरम्) से किया गया।
कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी सहायक प्रोफेसर डॉ. शिव सिंह बघेल ने तथा आभार दूर शिक्षा निदेशालय के सह आचार्य डॉ. शंभू जोशी ने ज्ञापित किया। कायर्क्रम में अध्यापक शोधार्थी, विद्यार्थी तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक बड़ी संख्या में आभासी माध्यम से जुड़े थे।