ईरान ने अमेरिकी बेस पर मिसाइलों से किया हमला, ट्रंप ने कहा- ‘All is Well’


नई दिल्‍ली. अमेरिकी स्‍ट्राइक में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद बदले की कार्रवाई में ईरान ने इराक में अमेरिकी फौज के 2 ठिकानों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया. इस पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा, ‘सब ठीक है (All is well). हमले से नुकसान का आकलन जारी है. हमारे पास दुनिया की सबसे शक्तिशाली फौज है. कल सुबह बयान जारी करूंगा.’

ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी एयरबेस अल असद और इरबिल पर 12 से ज्‍यादा मिसाइलें दागीं. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इस हमले की पुष्टि की है और बयान जारी करते हुए कहा कि हम अपने सैनिकों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे. अमेरिका ने कहा है कि ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं. इसके बाद तेहरान (Tehran) स्थित समाचार एजेंसी ने बुधवार को कहा कि ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्‍य ठिकानों पर दूसरा हमला भी किया. एजेंसी ने बताया कि पहले चरण में हमले के एक घंटे बाद हमले का दूसरा दौर शुरू हुआ. एक इराकी सुरक्षा सूत्र ने न्‍यूज एजेंसी रॉयटर को बताया कि अनबर प्रांत में ऐन अल-असद एयर बेस पर कम से कम सात रॉकेट दागे गए.

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ने बुधवार को एक बयान में पुष्टि करते हुए कहा कि कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए इराक में अमेरिकी हवाई अड्डे पर रॉकेट दागे गए हैं. ईरान की अर्ध-आधिकारिक समाचार एजेंसी ने मिसाइलों के दागे जाने का एक वीडियो ट्वीट किया और कहा “अमेरिका से बदला लेने के लिए ऐन अल-असद में जवाबी कार्रवाई के तहत अमेरिकी बेस पर ईरानी मिसाइल फायरिंग.’

पेंटागन ने एक बयान में कहा कि “यह स्पष्ट है कि इन मिसाइलों को ईरान ने दागा था और अल-असद और इरबिल में अमेरिकी सैन्य और गठबंधन सैन्‍यकर्मियों वाले कम से कम दो इराकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया”. पेंटागन के मुख्य प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने यह जानकारी दी.

अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि अमेरिका प्रारंभिक युद्ध क्षति आकलन पर काम कर रहा है और आगे के हमलों को रोकने के लिए ठिकानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. हताहतों की तत्काल कोई रिपोर्ट अभी नहीं आई है. पेंटागन ने मंगलवार शाम को कहा कि यह अभी भी नुकसान का आकलन कर रहा है. अमेरिका सैन्‍य ठिकानें पर जहां अमेरिकी बलों थे, उन्‍हें निशाना बनाकर मिसाइल से हमला किया गया है.

जनरल कासिम सुलेमानी की मौत
दरअसल, बीते सप्‍ताह ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में मौत हो गई थी. हमले में हशद शाबी या इराकी पॉपुलर मोबलाइजेशन फोर्सेज (पीएमएफ) के डिप्टी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस भी सुलेमानी के साथ मारे गए थे. बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट रोड पर उनके वाहन को निशाना बनाया गया था.

पेंटागन ने कहा था कि सुलेमानी को अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्देश पर मारा गया. पेंटागन के एक बयान के हवाले से कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्देश पर विदेश में रह रहे अमरीकी सैन्यकर्मियों की रक्षा के लिए कासिम सुलेमानी को मारने का कदम उठाया गया है.” बयान में आगे कहा गया, “यह हवाई हमला भविष्य में ईरानी हमले की योजनाओं को रोकने के मकसद से किया गया. अमेरीका अपने नागरिकों की रक्षा के लिए, दुनियाभर में भी चाहे वे जहां भी हैं.. सभी आवश्यक कार्रवाई करना जारी रखेगा.”

इसके बाद ईरान में गुस्से का माहौल है. ईरान की संसद ने पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) के सभी सदस्यों और सुलेमानी की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को आतंकी ताकतें घोषित करने के समर्थन में मतदान किया. जबकि मंगलवार को ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सोमवार को तेहरान में लाखों लोग एकत्रित हुए और उनका अंतिम संस्‍कार किया गया. ईरान ने मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सिर पर 8 करोड़ डॉलर का इनाम रखा है.

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