धान खरीदी में भारी अव्यवस्था, धान बेचने के बाद किसानों को नहीं हो रहा 3286 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान

 

धान खरीदी केंद्रों में किसानों से हो रही है अवैध वसूली, बारदाना की कमी, टोकन नहीं मिल रहा

रायपुर.  धान बेचने वाले किसानों को बढ़ी हुई समर्थन दर 186 रु मिलाकर 3286 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करने की मांग करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि धान खरीदी शुरू हुए 15 दिन हो गया है। लेकिन खरीदी केंद्रों में व्याप्त समस्याओं को सुधारने में सरकार नाकाम रही है। जो धान बेच चुके है उन्हें धान का समर्थन मूल्य 2369 रु एवं 2388 रु की दर से भुगतान किया जा रहा है। जबकि किसानों को वादानुसार 3100 रु प्रति क्विंटल + बढ़ा हुआ समर्थन मूल्य 186 रु मिलाकर 3286 रु  क्विंटल की दर से भुगतान किया जाना था। किसान आज भी पंजीयन नही होने से परेशान है। एग्रीटेक स्टेक पोर्टल में किसानों का डाटा नहीं मिल रहा है। जिसके चलते पंजीयन नहीं हो रहा है। धान खरीदी केंद्रों में नया बारदाना नहीं मिल रहा है। पुराना फटा बारदाना किसानों दिया जा रहा है। किसानों से धान भराई की 7.50 रु क्विंटल दर से अवैध वसूली हो रही है। मोदी की गारंटी के तहत किसी भी ग्राम पंचायत में नगद भुगतान केंद्र शुरू नहीं हुआ है। धान खरीदी पूरी तरह से चरमरा गई है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों से वादा अनुसार 21 किवंटल प्रति एकड़ धान खरीदना नहीं चाहती है इसीलिए धान खरीदी में व्यवधान उत्पन्न करने के लिए नया-नया षड्यंत्र रचा जा रहा है किसानों को परेशान किया जा रहा है। सरकार की नाकामी के चलते पिछले वर्ष की तुलना में चालू धान खरीदी वर्ष में 1,29,000 किसान कम पंजीकृत हुआ है पिछली साल की तुलना में 500000 हेक्टेयर रकबा काट दिया गया है। इस बार किसानों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले कमी हुई है धान का रकबा भी घटा है यह सीधा-सीधा किसानों को नुकसान पहुंचाने रचा गया षड्यंत्र है कांग्रेस पार्टी मांग करती है जिन किसानों का पंजीयन नहीं हुआ है उनका भी धान की सरकार खरीदे। प्रति क्विंटल 3286 रुपए की दर से भुगतान करें।

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