ओवैसी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहा- प्रश्नकाल रद्द किया तो JEE-NEET परीक्षा क्यों जरूरी?


हैदराबाद. एआईएमआईएम (All India Majlis‑e‑Ittehadul Muslimeen) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने शनिवार को आरोप लगाया कि कोविड-19 का हवाला देकर संसद के आगामी मानसून सत्र में प्रश्नकाल रद्द करने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार, छात्रों को जेईई और नीट परीक्षा में जवाब देने के लिये मजबूर कर रही है. प्रश्नकाल के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने संवाददाताओं को बताया, “एक तरफ तो कोविड-19 का हवाला देकर नरेंद्र मोदी प्रश्नकाल में सवालों का जवाब नहीं देंगे, तो वहीं दूसरी तरफ आप छात्रों से कहते हैं कि जाओ और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में सवालों का जवाब दो. यह उनका शासन है.”

ओवैसी ने कहा, “हम नहीं जानते कि हम कोविड-19 संकट पर सवाल उठा सकते हैं या नहीं और पूर्वी लद्दाख में जो हो रहा है उस पर चर्चा कर सकते हैं या नहीं क्योंकि कोई प्रश्नकाल नहीं होगा.”

अलग-अलग अधिसूचनाओं में दो सचिवालयों – लोकसभा और राज्यसभा – ने पूर्व में कहा था कि 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक चलने वाले सत्र में कोई अवकाश भी नहीं होगा और दोनों सदन शनिवार और रविवार को भी चलेंगे. कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सत्र दो पालियों में, – सुबह नौ बजे से एक बजे तक और अपराह्न तीन बजे से शाम सात बजे तक, चलेगा.

उन्होंने कहा कि बहुमत के कारण सरकार अध्यादेश लाकर उन्हें कानून बना सकती है. हैदराबाद से सांसद ने कहा, “आदर्श स्थिति में प्रश्नकाल होना चाहिए.” उन्होंने कहा कि कई देशों में प्रधानमंत्री कोरोना वायरस संबंधी मुद्दों पर संवाददाता सम्मेलन कर रहे हैं, वहीं मोदीजी सिर्फ वीडियो संदेश देते हैं.

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