October 7, 2024

नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

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सागर. न्यायालय नवम् अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाॅक्सो एक्ट) सागर के न्यायालय ने आरोपी प्रेम अहिरवार पिता लखन अहिरवार उम्र 25 साल निवासी थाना सुरखी जिला सागर को धारा 363 भादवि में दोषी पाते हुए 07 साल का सश्रम कारावास व  500 रूपए का अर्थदण्ड तथा धारा 366 एवं 376(2)(एन) भादवि सहपठित  धारा 5/6 पाॅक्सों एक्ट के साथ संयुक्त रूप से दोषी मानते हुए 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500-500 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती प्रियंका जैन ने शासन का पक्ष रखा।  लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ए.डी.पी.ओ. ने बताया  दिनांक 15.04.2017 को अभियोक्त्री की मां ने थाना मोतीनगर मे रिपोर्ट लेख कराई कि उसकी 16 वर्षीय बेटी जो कि नाबालिग है घर से कही चली गयी है आसपास पता किया जो नही मिली, फरियादिया को संदेह है कि कोई अज्ञात व्यक्ति उसे बहला-फुसला कर ले गया। उक्त रिपोर्ट पर से थाना मोतीनगर में धारा 363 भादवि कें अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान दिनांक 28.04.2017 को अभियोक्त्री को दस्तयाव किया गया एवं चिकित्सीय परीक्षण तथा न्यायालयीन कथन करा कर परिवार को सुपुर्द किया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री ने कथनों में बताया कि आरोपी उसे शादी का झांसा देकर बहला-फुसला कर ले गया था एवं जबरजस्ती उसके साथ बलात्संग किया। उक्त कथनों एवं अभियोक्त्री का नाबालिग से संबधित आयु दस्तावेज प्रस्तुत किये गये एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पर धारा 366, 376 भादवि एवं 5/6 पाॅक्सों एक्ट का इजाफा किया गया। विवेचना के दौरान विवेचना अधिकारी द्वारा घटना से परिचित साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये एवं प्रकरण से संबधित महत्वपूर्ण साक्ष्य एवं वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित किये गये। आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया एवं आरोपी का डी.एन.ए. परीक्षण कराया गया। विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोजन अधिकारी ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत कियें एवं प्रकरण के अभियुक्त  को सम्पूर्ण विवेचना के आधार पर संदेह से परे प्रमाणित कराया। दण्ड के प्रश्न पर उभय पक्ष को सुना गया जिसमें बचाव पक्ष द्वारा तर्क दिया गया कि आरोपी नवयुवक है, गरीब है उसने अभियोक्त्री से प्रेम विवाह किया है व उसके घर में रह रही है, यदि इस प्रकरण में आरोपी को जेल भेज दिया जाता है तो अभियोक्त्री निराश्रित हो जायेगी और उसका छोटा बच्चा और वह आश्रय विहीन हो जायेगे और उसका भरण पोषण संभव नही होगा। विद्वान अभियोजन अधिकारी ने तर्क दिया कि आरोपी के द्वारा नाबालिग अभियोक्त्री के संग बलात्संग किया है और वर्तमान में इस प्रकार की घटनाएं बढती जा रही है। भारतीय सामाजित व्यवस्था के परीपेक्ष में इस प्रकार के कृत्य के दोषी को अधिकतम दण्ड से दंडित किया जाना चाहिए ताकि समाज को संदेश जा सके। इस प्रकरण में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी रहा कि अभियोक्त्री के न्यायालय में कथन होने के उपरांत आरोपी पक्ष से समझौता का आवेदन भी प्रस्तुत किया गया किन्तु अभियोक्त्री की आयु व अपराध की गंभीरता को देखते हुए समझौता आवेदन को निरस्त करते हुए माननीय न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण के तथ्य परिस्थितियो को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी प्रेम अहिरवार पिता लखन अहिरवार उम्र 25 साल निवासी थाना सुरखी जिला सागर को धारा 363 भादवि में दोषी पाते हुए 07 साल का सश्रम कारावास व 500 रूपए का अर्थदण्ड तथा धारा 366 एवं 376(2)(एन) भादवि सहपठित  धारा 5/6 पाॅक्सों एक्ट के साथ संयुक्त रूप से दोषी मानते हुए 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500-500 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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