May 2, 2024

भारत के तेवर देख ‘दहशत’ में चीन! पूर्वी लद्दाख में LAC के पास सैनिकों के लिए लगाए नए टेंट

File Photo

नई दिल्ली. चीन (China) ने भारतीय सैनिकों की तैनाती के जवाब में पूर्वी लद्दाख में एलएसी (LAC) पर अपनी ओर, ऊंचाई वाले कई अग्रिम क्षेत्रों में अपने जवानों के लिए नए मॉड्यूलर कंटेनर आधारित आवास (अस्थायी टेंट) स्थापित किए हैं. ये टेंट अन्य स्थानों के अलावा ताशीगोंग, मांजा, हॉट स्प्रिंग्स और चुरुप के पास भी लगाए गए हैं जो क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच तनाव को दर्शाता है.

भारत के तेवर देख हैरत में चीन

दरअसल चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) पिछले साल इस क्षेत्र में अपने ‘दुस्साहस’ पर भारतीय रिएक्शन के प्रभाव को महसूस कर रही है और चीनी सेना को इस क्षेत्र में सैनिकों की लंबी तैनाती और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. घटना के जानकारों ने कहा कि पिछले साल गलवान घाटी टकराव के बाद भारत के रिएक्शन ने चीन को हैरान कर दिया और उसने उन क्षेत्रों में सैनिकों को तैनात किया जहां पहले कभी तैनाती नहीं होती थी.

क्यों लगाए नए टेंट?

जानकारों में से एक ने कहा, ‘हमारी रणनीति चीन को नुकसान पहुंचा रही है. इसलिए वो हमारे जवाब पर प्रतिक्रिया दे रहा है. हमने पीएलए को अग्रिम तैनाती और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए मजबूर किया है.’ उन्होंने कहा कि नई तैनाती चीनी सैनिकों के मनोबल को प्रभावित करती दिख रही है क्योंकि उन्हें ऐसे दुर्गम क्षेत्र में काम करने की आदत नहीं थी. ये नए टेंट पिछले साल दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ने के बाद चीनी सेना द्वारा बनाए गए सैन्य शिविरों के अलावा बनाए गए हैं.

भारत भी लगातार मजबूत कर रहा बुनियादी ढांचा

जानकार ने कहा कि भारत पूर्वी लद्दाख और करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी के साथ लगे अन्य क्षेत्रों में सुरंगों, पुलों की सड़कों और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी ला रहा है. उन्होंने कहा कि चीन पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास अपने वायु सेना ठिकानों और वायु रक्षा इकाइयों को भी बढ़ा रहा है. पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक टकराव के बाद पिछले साल पांच मई को दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा गतिरोध शुरू हो गया था और दोनों देशों ने धीरे-धीरे भारी हथियारों के साथ हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post NEET-SS सिलेबस में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- युवा डॉक्टरों को फुटबॉल न बनाएं
Next post पाकिस्तान में बेरोजगारी चरम पर, चपरासी के एक पद के लिए आए 15 लाख से ज्यादा आवेदन
error: Content is protected !!