VIDEO : डीजे संचालकों ने प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर कलेक्टोरेट के सामने किया प्रदर्शन
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. कोरोना के काल के दौरान से डीजे व साउंड सिस्टम पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जिसके चलते डीजे संचालकों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो रही है। गणेश चतुर्थी पर्व के प्रारंभ होते ही एक बाद फिर से डीजे संचालक अनुमति मांग रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय पहुंचे डीजे संचालकों ने मांग करते हुए कहा कि हमारा डीजे जब्त कर हमे राशन उपलब्ध करायें ताकि हम अपनी पेट की भूख मिटा सके। अपनी मांग को लेकर डीजे संचालक कलेक्टोरेट गेट के पास धरना पर बैठे गए थे लेकिन मौसम खराब होने के कारण उन्हें इधर-उधर होना पड़ा। ज्ञापन सौंपने आये लोगों का कहना था कि हिन्दुओं के महान पर्व गणेश चतुर्थी की धूम देश भर में है, इस बीच शासन ने गाइड लाइन जारी किया है कि रोड पर पंडाल और विर्सजन के दौरान सिर्फ 4 लोगों की अनुमति दी गई जो कि पूर्णत: गलत है।
सोमवार दोपहर डेढ़ बजे शहर के डीजे संचालक एक राय होकर अपना साउंड सिस्टम को लेकर धरना प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इस दौरान अपनी मांग को लेकर वे मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गये और नारेबाजी करने लगे। चारों ओर वाहनों के कतार होने के कारण सड़क जाम होने की स्थिति को देखते हुए सिविल लाइन पुलिस को मौके पर बुलाया गया। इस बीच झमाझम बारिश होने लगी, सभी डीजे संचालक अपने अपने सिस्टम को तिरपाल से ढकने लगे। मीडिया और कलेक्टर कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी बारिश होने के कारण इधर उधर होते रहे।
जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे डीजे संचालकों ने माइक के माध्यम से जिलाधीश को अवगत कराना चाहा कि पूरे प्रदेश में अन्य आयोजनों डीजे बजा है लेकिन गणेश चर्तुथी के अवसर पर डीजे पर प्रतिबंध लगाना कहां का न्याय है। अपनी मांग से अवगत कराते हुए डीजे संचालकों ने कहा कि सिर्फ चार घंटे की अनुमति मिलने पर भी हमारा गुजारा चल जायेगा। कोरोना काल में अन्य धर्म के लोगों द्वारा जूलूस, पंडाल आदि के नाम पर भीड़ एकत्र होती रही। राजधानी रायपुर में 8 फीट प्रतिमा को स्वीकृति दी गई है। किंतु बिलासपुर में जिला प्रशासन द्वारा ढील नहीं दी गई है।
सिटी मजिस्ट्रेट को दिखाया वीडियो
जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे डीजे संचालकों ने बताया कि देर रात तक डीजे बजाया जा रहा है, जबकि जिला प्रशासन के अधिकारी इस पर प्रतिबंध लगाते हुए हैं। इस बीच सिटी मजिस्ट्रेट गवेल को वीडियो भी दिखाया गया जिसमें कोविड नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था।