हिंदी विश्वविद्यालय ने पूर्व वित्ताधिकारी गवई को दी श्रद्धांजलि
वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व वित्ताधिकारी संजय भास्कर गवई का शनिवार 15 अक्टूबर को पुणे में देहावसान हुआ है। उनका जन्म 17 अगस्त, 1952 को हुआ था। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय के बनने की प्रक्रिया में श्री गवई का बड़ा योगदान रहा है। उनके निधन से हम सब मर्माहत हैं। संजय भास्कर गवई ने विश्वविद्यालय में 20 अक्टूबर, 2011 को वित्ताधिकारी का कार्यभार ग्रहण किया था। उन्होंने 01 मार्च, 2014 से 28 मार्च, 2014 तथा 21 नवंबर, 2014 से 03 जून, 2015 तक कार्यकारी कुलसचिव पद का भी काम संभाला। वे 31 जुलाई 2015 को वित्ताधिकारी पद से सेवानिवृत्त हुए। श्री गवई ने पुणे तथा नागपुर विश्वविद्यालय में वित्त एवं लेखा अधिकारी के रूप में 2005 से 2010 तक कार्य किया। 18 जुलाई,1975 से 6 नवंबर, 1996 तक बैंक ऑफ इंडिया के मुबंई शाखा में बतौर मैनेजर अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के वित्त मंत्रालय में प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में तथा भारत सरकार के पंचायत राज मंत्रालय में 01 सितंबर 2010 से 19 अक्टूबर 2011 तक छत्तीसगढ़ राज्य के लिए राष्ट्रीय स्तर के मॉनिटर के रूप में कार्य किया। उन्होंने पार्टटाईम विजिटिंग फैकल्टी के रूप में नागपुर विश्वविद्यालय में एल.एल.बी, एल.एल.एम और एम.बी.ए के छात्रों को पढ़ाया था। उन्हें विपणन, वित्त, विधि एवं प्रशासन का लगभग 40 वर्ष का अनुभव था। उनके पीछे पत्नी माधुरी, दो बेटियां केतकी तथा राजश्री सहित भरापूरा परिवार है। वे पिछले छह माह से बीमार चल रहे थे। ऑनलाइन शोकसभा में विश्वविद्यालय के शैक्षणिक, गैर-शैक्षणिक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।