May 2, 2024

video: झीरमघाटी कांड: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कांग्रेस स्वागत करती है- अभय नारायण राय

 बिलासपुर. झीरम घाटी में कांग्रेसी नेताओं को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया था , इस हमले में नंद कुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ला, महेन्द्र कर्मा सहित 27 कांग्रेसी नेताओं की शहादत हुई थी। भाजपा शासन काल में इस मामले की जांच एनआईए को सौंपा गया था। राज्य में कांग्रेस की सरकार आते ही छग पुलिस द्वारा जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था, इसके विरुद्ध एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज करते कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अरपा बेसिन के उपाध्यक्ष अभय नारायण राय ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जो लोग भी इस साजिश में शामिल थे उन्हें बेनाकाब किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही झीरमकांड के जांच के लिए एसआईडी का गठन किया गया लेकिन एनआईए कोर्ट में जाकर मामले पर रोक लगवा दी। आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ पुलिस इस मामले की जांच कर सकती है। पुलिस जांच में वो तमात चेहरे सामने आएंगे तो इस जघन्य अपराध में लिप्त थे। साल 2013 में कांग्रेसी नेताओं की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से एनआईए को झटका लगा है. कोर्ट ने कहा है कि माओवादी हमलों में बड़ी राजनीतिक साजिश के आरोपों का मामला चलता रहेगा. छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा 2020 में दर्ज की गई नई एफआईआर के खिलाफ एनआईए की याचिका खारिज कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मामले में दखल नहीं देंगे. सुकमा के झीरम घाटी में 2013 में माओवादियों के हमले में 27 कांग्रेस नेताओं की मौत की जांच एनआईए द्वारा किये जाने के बावजूद, राज्य पुलिस से कराये जाने के राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. एनआईए इस मामले की जांच 2013 से कर रही है. इस मामले में 39 लोगों को आरोपी बनाया गया है और उनके खिलाफ 2 चार्जशीट दाखिए हुए हैं.

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