May 18, 2024

भगतसिंह-अंबेडकर विचारधारा को केंद्र में रखकर किसान सभा का सदस्यता अभियान शुरू, हर गांव में गठित होंगी किसान सभा की समितियां

कोरबा. छत्तीसगढ़ किसान सभा की राज्य समिति के आह्वान पर कल 23 मार्च से कोरबा जिले में किसान सभा का सदस्यता अभियान शुरू हो चुका है। “हर गांव में किसान सभा और किसान सभा में हर किसान” के लक्ष्य को लेकर चलाया जा रहा यह अभियान 14 अप्रैल तक चलेगा। इस अभियान के दौरान हर गांव में किसान सभा की ग्राम समितियां बनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 23 मार्च को भगतसिंह-सुखदेव-राजगुरू का शहादत दिवस था, जबकि 14 अप्रैल को संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती है। किसान सभा के सदस्यता अभियान में भगतसिंह-अंबेडकर की विचारधारा के प्रचार-प्रसार पर भी जोर दिया जाएगा। किसान सभा के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को भगत सिंह और अम्बेडकर के सपनों के भारत की जानकारी देने के साथ उन्हें देशव्यापी किसान आंदोलन से जोड़ने का काम करेंगे।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा ने बताया कि भगतसिंह की विचारधारा प्रखर साम्राज्यवाद विरोधी, सांप्रदायिकता विरोधी विचारधारा थी, जिन्होंने अंग्रेजी साम्राज्यवाद और धर्मांध सांप्रदायिक ताकतों का एक साथ मुकाबला किया। अंबेडकर ने भी हिंदुत्व की विचारधारा को हमारे देश के लिए सबसे बड़ी विपदा बताते हुए मनुस्मृति का दहन किया था और वर्ण व्यवस्था के खिलाफ एक जातिविहीन, आधुनिक, वैज्ञानिक चेतना संपन्न और धर्मनिरपेक्ष भारत के निर्माण पर जोर दिया था। किसान सभा नेताओं ने कहा कि संघी गिरोह संचालित भाजपा सरकार भगतसिंह-अंबेडकर के सपनों के भारत को कुचलकर अंबेडकर के संविधान की जगह मनुस्मृति को लगोक करना चाहती है, जो इस देश के मेहनतकशों को और शोषणमुक्त समाज के लिए लड़ाई लड़ने वाली जनता को स्वीकार नहीं है।
उन्होंने बताया कि दीपक साहू, जय कौशिक, संजय यादव, दिलहरण बिंझवार, अजित सिंह, सत्रुहन दास, देव कुंवर, जानकुंवर, गणेश कुंवर, वनवासा बाई, रुसा बाई, रामायण सिंह, ठकराल सिंह कंवर, पुरषोत्तम कंवर, नंदलाल कंवर, सूरज सिंह आदि के नेतृत्व में कटघोरा ब्लाक के विस्थापित ग्राम गंगानगर से सदस्यता अभियान की शुरुआत की गई है। पहले दिन ही युवाओं और महिलाओ सहित सैकड़ों किसानों ने बड़े उत्साह के साथ किसान सभा की सदस्यता ली। सदस्यता अभियान में वे अपनी समस्याओं को भी बता रहे हैं। विस्थापन, कृषि, बिजली, पानी, रोजगार, वनाधिकार कानून, मनरेगा आदि से जुड़ी समस्याएं सामने आ रही है। इन समस्याओं पर तथा राज्य और केंद्र सरकारों की कॉर्पोरेटपरस्त, जन विरोधी नीतियों के खिलाफ विशाल आंदोलन खड़ा करने की रणनीति पर भी वे चर्चा कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post विश्व क्षयरोग दिवस : बीमारी एक ऐसी दशा है जिसका अनुभव शरीर में किया जाता है, पर इसका अस्तित्व होता है मन में – योग गुरु
Next post भगवान श्री राम के स्मृतियों को पुनर्स्थापित कर रही है भूपेश सरकार : त्रिलोक श्रीवास
error: Content is protected !!