चाकू से मारपीट करने वाले आरोपियों को एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास
सागर. चाकू से मारपीट करने वाले शंकरगढ़ सागर निवासी दोनों आरोपीगण राजेन्द्र जाटव पिता रामचंद्र जाटव उम्र 34 वर्ष व मनोज जाटव उम्र 28 वर्ष को धारा 452 भादवि में 1-1 वर्ष का सश्रम कारावास धारा 324/34 में 6-6 माह का सश्रम कारावास व धारा 323 में 3-3 माह का सश्रम कारावास व 500-500 अर्थदण्ड से दंडित करने का आदेश न्यायालय आशीष शर्मा, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सागर की न्यायालय ने दिया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सचिन गुप्ता ने की। दिनांक-25.04.2016 को फरियादी के लड़के सुरेन्द्र ने अपनी मजदूरी के पैसे रजाखेड़ी बाजार के पास राजेन्द्र जाटव से मांगे तो राजेन्द्र और मनोज ने उसके लड़के को लात घूसों से मारपीट की जिससे उसके लड़के के बायें पैर के पंजे, पींठ, दाहिने कंधे के पास चोट आई। इस बात की षिकायत उसके लड़के सुरेन्द्र ने राजेन्द्र एवं मनोज के घर जाकर की तो रात्रि करीब 08.30 बजे राजेन्द्र और मनोज उसके घर पर आए और उसके लड़के सुरेन्द्र को पूछने लगे तो उसने कहा क्या बात है बेटा तो राजेन्द्र बोला कि सुरेन्द्र उसके घर षिकायत करने क्यों गया था और राजेन्द्र गंदी गंदी गालियां देने लगा। उसने गाली देने से मना किया तो राजेन्द्र उसके घर के अंदर घुसकर उसके लड़के सुरेन्द्र को मारपीट करने को दौड़ा। उसने बीच बचाव किया तो राजेन्द्र जाटव हाथ में चाकू लिए था जो चाकू उसके दाहिने हाथ की कलाई के उपर लगा, खून निकल गया। उसकी बहू व लड़के ने घटना देखी है। फरियादी की रिपोर्ट पर से आरोपीगण राजेन्द्र एवं मनोज के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान घटनास्थल का नक्शा मौका निर्मित किया गया, आहतगण का चिकित्सकीय परीक्षण परीक्षण कराया गया। अभियुक्त राजेन्द्र से घटना में प्रयुक्त चाकू जप्त कर जप्ती पत्रक तैयार किया गया, साक्षीगण के कथन अंकित किए गए एवं संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में अभियोजन ने मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी राजेन्द्र जाटव व मनोज जाटव को 1-1 वर्ष का सश्रम कारावास व 500-500 रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित करने का आदेश दिया।