May 7, 2024

Oxford Graduate बेटे ने Parents से मांगा गुजारा-भत्ता, 10 सालों से Unemployed होने का दिया हवाला


लंदन. पेरेंट्स (Parents) को उम्मीद होती है कि बच्चे बड़े होकर उनका सहारा बनेंगे, लेकिन लंदन (London) निवासी एक शख्स ने गुजारा-भत्ते की मांग को लेकर अपने माता-पिता को ही कानूनी कार्रवाई में उलझा दिया है. दरअसल, 41 वर्षीय यह शख्स पिछले दस सालों से बेरोजगार (Unemployed) है. प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) से पढ़ाई के बावजूद उसे नौकरी नहीं मिल रही है. इसी बात से तंग आकर उसने अपने बूढ़े माता-पिता से मेंटेनेंस की मांग करते हुए उनके खिलाफ अदालत में केस दर्ज कराया है.

Parents ही उठाते हैं खर्च
फैज सिद्दीकी (Faiz Siddiqui) पूरी तरह से अपने माता-पिता पर निर्भर है. वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एक ट्रेंड लॉयर है. उसका कहना है कि उसने काफी कोशिश की, लेकिन कोई अच्छी नौकरी नहीं मिल सकी. ऐसे में पेरेंट्स के अलावा उसका कोई सहारा नहीं है और उन्हें ही उसकी जिम्मेदारी उठानी होगी. फैज लंदन में पिछले 20 सालों से अपने माता-पिता के हाइड पार्क वाले घर में रह रहा है. उसका पूरा खर्चा पेरेंट्स ही उठाते हैं.

2010 से नहीं है Job
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, फैज के माता-पिता का नाम रक्शांदा (69) और जावेद (71) (Rakshanda and Javed) है. दोनों फैज को अब तक हर हफ्ते लगभग 40 हजार रुपये खर्च को देते आए हैं. हालांकि, अब पारिवारिक लड़ाई की वजह से वे अपने बेटे को यह रकम देना नहीं चाहते. वकील जस्टिन वारशॉह ने बताया कि सिद्दीकी के पेरेंट्स काफी समय से परेशान हैं. सिद्दीकी ने एक टॉप लॉ फर्म में प्रैक्टिस की थी, लेकिन साल 2011 से वह बेरोजगार है और कहीं भी उसे नौकरी नहीं मिल रही है.

Faiz ने दी ये दलील
कलयुगी बेटे की दलील है कि वह स्वास्थ्य समस्याओं के चलते कमजोर वयस्क बच्चे के रूप में रख-रखाव का दावा करने का हकदार है और इसे रोकना उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा. फैज सिद्दीकी की अपील को पहले निचली अदालत ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद उसने ऊपरी अदालत का रुख किया. बेटे का कहना है कि पेरेंट्स को जिंदगी भर उसका ख्याल रखना होगा, क्योंकि वह बेरोजगार है और वह अपनी इस जिमेदारी से पीछे नहीं हट सकते.

Oxford University से मांगा था हर्जाना

सिद्दीकी ने इससे पहले 2018 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये के हर्जाने की मांग की थी. हालांकि, वह केस कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया था. सिद्दीकी ने आरोप लगाया था कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई का स्तर अच्छा नहीं था, इस वजह से उसे कहीं नौकरी नहीं मिल रही है. उसने अपनी याचिका में कहा था कि ऑक्सफोर्ड में जितनी फीस ली जाती है, उसके अनुरूप शिक्षा प्रदान नहीं की जाती, इसलिए उसे हर्जाना दिलाया जाना चाहिए.

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