पीसीवी वैक्सीन देगी नवजात बच्चों को निमोनिया से सुरक्षा, मृत्यु दर में आएगी कमी : डॉ. सैम्युअल
बिलासपुर. नवजात बच्चों को निमोनिया जैसी घातक बीमारी से बचाने के लिए मंगलवार को प्रदेश स्तर पर पीसीवी टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इसका उद्घाटन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा किया गया। इस दौरान बिलासपुर जिले के दो सेंटरों में 6 सप्ताह या डेढ़ माह के बच्चों को न्यूमोकोकल कान्जुगेट टीका (पीसीवी वैक्सीन) लगाया गया।शुक्रवार को इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला स्तर पर किया जाएगा। इसकी पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज सैम्युअल ने बताया “जिले में हर साल लगभग 51,000 बच्चे पैदा होते हैं। इनमें से कुछबच्चों का निजी अस्पतालों में अत्यधिक महंगे दामों परन्यूमोकोकल कान्जुगेट टीकाकरण हो जाता था वह तो निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी से बच जाते थे, लेकिन शेष बच्चों पर इसका खतरा बना रहता था। पिछले सालों के रिकार्ड को देखा जाए तो शिशु मृत्यु दर का मुख्य कारण भी डायरिया और निमोनिया जैसी बीमारी ही रही है। सरकार ने डायरिया से बच्चों को बचाने के लिए पहले ही रोटावायरस का टीका निशुल्क लगाना शुरू कर दिया है। अब पीसीवी वैक्सीन को भी टीकाकरण में शामिल करने से बच्चों को डायरिया और निमोनिया दोनों ही बीमारी से सुरक्षा मिल पाएगी। इसके बाद अब शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।“
न्यूमोकोकल कन्जुगेट टीका तीन डोज में पूरा होगा। यह टीका नवजात बच्चों को ही दिया जा सकेगा, क्योंकि इसकी पहली डोज 6 सप्ताह या डेढ़ माह के बच्चे को ही लगाई जानी है। इसके बाद दूसरी खुलाक 14 सप्ताह या 3.5 माह की उम्र में और बूस्टर डोज 9 माह की उम्र में लगाई जाएगी। इसलिए यह टीका उन्हीं बच्चों को लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनकी उम्र 6 सप्ताह या उससे कम है।
सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया “गांधीचौक सिटी डिस्पेंसी और कोटा सीएचसी से इस टीके की शुरूआत राज्य में हुए पीसीवी टीकाकरण कार्यक्रम के साथ कर दी गई है। बिलासपुर जिले में इस कार्यक्रम का उद्घाटन शुक्रवार यानि 18 जून से कर दिया जाएगा। इसके बाद यह हर मंगलवार और शुक्रवार को सभी टीकाकरण केंद्रों में वैक्सीनेशन के दिन लगाया जाएगा। बिलासपुर जिले में इसकी 5,000 डोज पहुंच चुकी है।“
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज सैम्युअल ने बताया “जिले में पीसीवी वैक्सीन लगाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यह टीका 0.5 एमएल की डोज में लगाया जाना है। इसे बच्चे के दाहिने जांघ के सेंटर में लगाया जाता है। किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए यह वैक्सीन निर्धारित टीकाकरण वाले दिन ट्रेंड स्टॉफ द्वारा लगाया जाएगा।