May 6, 2024

क्‍या है इस धर्म में शवों के अंतिम संस्‍कार का तरीका? सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया मामला!

नई दिल्‍ली. हर धर्म-संप्रदाय में शादी-ब्‍याह से लेकर अंतिम संस्‍कार तक के अपने तरीके और रस्‍मो-रिवाज होते हैं. जैसे हिंदू और सिख धर्म के अनुयायी शव का दाह संस्‍कार करते हैं लेकिन मुस्लिम और ईसाई शव को दफनाते हैं. किन्‍नरों के भी अंतिम संस्‍कार करने का अपना खास तरीका है. वैसे ही पारसी धर्म के लोग एक बेहद खास तरीके से अंतिम संस्‍कार करते हैं. कोरोना महामारी के दौर में सरकार ने पारसी धर्मावलंबियों के इस खास तरीके पर आपत्ति उठाई है और ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है.

क्‍या कहा है सरकार ने?

केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा है कि कोविड रोगी की मृत्‍यु होने पर उसका अंतिम संस्‍कार सही तरीके से करना जरूरी है, ताकि उससे संक्रमण न फैले. इसके लिए या शव को जलाया जाए या दफन किया जाए. वरना कोविड संक्रमित रोगी के शव के पर्यावरण, जानवरों आदि के संपर्क में आने से संक्रमण फैलने की आशंका रहती है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जन स्वास्थ्य प्रोटोकॉल सुनिश्चित करते हुए अंतिम संस्कार के SOP (प्रोटोकॉल) में बदलाव करने पर फिर से विचार करने के लिए याचिकाकर्ताओं और पारसी धर्म के गणमान्य लोगों के साथ बैठ की जाए. ताकि धार्मिक भावनाएं भी आहत न हों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर भी असर न पड़े.

क्‍या है पारसी धर्म में अंतिम संस्‍कार करने का तरीका 

पारसी धर्म में टावर ऑफ साइलेंस में अंतिम संस्कार किया जाता है. इसे दोखमेनाशिनी या दखमा भी कहा जाता है. यह एक खास गोलाकार जगह होती है जिसकी चोटी पर शवों को रखकर छोड़ दिया जाता है और आसमान के हवाले कर दिया जाता है. फिर गिद्ध उस शव का सेवन करते हैं. अंतिम संस्‍कार की यह परंपरा पारसी धर्म में 3 हजार साल से ज्‍यादा पुरानी है और पारसी लोग कोविड काल में भी इसी परंपरा के जरिए अंतिम संस्‍कार करना चाहते हैं. पारसी धर्म में पृथ्वी, जल, अग्नि तत्व को बहुत ही पवित्र माना गया है. ऐसे में शव को जलाने, पानी में बहाने या दफन करने से ये तीनों तत्‍व अशुद्ध हो जाते हैं. हालांकि गिद्धों की घटती संख्‍या के कारण पिछले कुछ सालों से उन्‍हें अंतिम संस्‍कार करने में खासी दिक्‍कतें आ रही हैं. बता दें कि दुनिया में पारसी धर्म के अनुयायियों की कुल आबादी 1 लाख के करीब है, जिसमें से 60 हजार से ज्‍यादा पारसी केवल मुंबई में रहते हैं. यहां पर साइलेंस ऑफ टॉवर है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post भाग्‍य बढ़ाने वाले गुरु ‘अस्‍त’ होकर कंगाल करेंगे या मालामाल? जानें सभी राशियों पर असर
Next post 29 साल छोटी लड़की से की शादी लेकिन नाम नहीं आया पसंद, एक्‍टर ने बताई अनोखी वजह
error: Content is protected !!