भारत सरकार जल्द से जल्द पुरानी पेंशन स्कीम लागू करे

बिलासपुर. “भारतीय मजदूर संघ” से सम्बद्ध “सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ” के अखिल भारतीय आह्वान पर एनपीएस को समाप्त कर ओपीएस (पुरानी पेंशन स्कीम) लागू करने की मांग की जा रही है। इस सम्बन्ध में सोमवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मजदूर संघ के महामंत्री संतोष कुमार पटेल और ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी निमाई बनर्जी ने पत्रकारों से चर्चा कर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग की।उन्होंने बताया कि 01/01/2004 से पूर्व सभी सरकारी कर्मचारियों (केन्द्र तथा राज्य सरकार) को सामाजिक सुरक्षा के तहत सेवानिवृत्ति के समय सीसीएस पेंशन रूल 1972 के अन्तर्गत पेंशन प्रदान करने की व्यवस्था थी जिसे भारत सरकार ने 22/12/2003 को एक नोटिफिकेशन जारी कर समाप्त कर दिया और नई पेंशन स्कीम के अन्तर्गत कन्ट्रीबियूटरी पेंशन स्कीम लागू कर दी। प्रारम्भ से ही केन्द्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी इस पेंशन स्कीम का विरोध करते आ रहे है क्योंकि इस पेंशन स्कीम में कहीं पर भी न्यूनतम पेंशन की गारंटी नही है। दिनांक 01/01/2004 से यह पेंशन लागू होने के बाद कुछ कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए उन्हे पेंशन के रूप में बहुत ही कम धनराशि प्राप्त हो रही है। 800 रु से लेकर 2400 रु तक धनराशि कर्मचारियों को पेंशन के रूप में प्राप्त हुई जबकि 01/01/2004 से पूर्व नियुक्त हुए कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन के रूप में ( 9000रू + महंगाई भत्ता) प्राप्त होता है। यह अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों के लिय है। जबकि अन्य कर्मचारियो को उनके अन्तिम वेतन का (50% + महंगाई भत्ता) का प्रावधान है। जिस समय यह नई पेंशन स्कीम लागू की गई भारत सरकार ने सभी कर्मचारियों को यह आश्वस्त किया था कि “यह पेंशन स्कीम बहुत अच्छी स्कीम है पुरानी पेंशन स्कीम से कम पेंशन नही मिलेगी” जबकि परिणाम इस कथन के विपरीत आ रहे है। आज तक सरकार ने इसमें न्यूनतम पेंशन की गारंटी की घोषणा भी नही की है जिससे कर्मचारियो में संशय की स्थिति है कि उन्हे सेवानिवृत्ति के बाद कितनी पेंशन मिलेगी। इसीलिये कर्मचारी लगातार एनपीएस को समाप्त कर ओपीएस को लागू करने के की मांग करते आ रहे है। कर्मचारियो के विरोध को देखते हुए कुछ राज्य सरकारो ने जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पंजाब हिमांचल प्रदेश की सरकारे अपने कर्मचारियो को एनपीएस को समाप्त कर ओपीएस को लागू करने की घोषणा कर चुकी है। केन्द्र सरकार से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि एनपीएस को समाप्त कर ओपीएस अपने कर्मचारियों पर लागू करे तथा सभी राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियो को एनपीएस समाप्त कर ओपीएस लागू करें अथवा कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी जाए जो कि उनके अन्तिम वेतन का 50% से कम न हो तथा प्राइस इंडेक्स के साथ भी जोड़ा जाए।

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