6 माह तक छात्रों से कोई फीस नहीं लेने कांग्रेस ने की मांग


रायपुर. कोविड संक्रमण और लॉकडाउन ने स्कूल और महाविद्यालयीन छात्रों दोनों के लिए कठिनाई पैदा कर दी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, राज्य सरकारें और निजी संस्थान ऑनलाइन कक्षाओं और मूल्यांकन जैसे कई सकारात्मक उपायों के साथ आए हैं। दुनिया के अनेक देशों में भी सरकारों ने परीक्षा को स्थगित करने सहित छात्र के हित में अनेक कदम उठाये है। छात्र के बीच वायरस संक्रमण की आशंका के कारण वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए परीक्षाओं को रद्द किया गया है। हमारे देश में अब तक भी केंद्र सरकार ने इन दबावों को ध्यान में रखते हुए पालकों और छात्रो की तकनीको पर को बयान नहीं दिया है। यूजीसी सहित विभिन्न बोर्ड और उच्च शिक्षा विभाग इस शैक्षणिक वर्ष के दौरान अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। एनएसयूआई के साथ  INC  सोशल मीडिया विभाग शुक्रवार को बड़े पैमाने पर ऑनलाइन अभियान स्पीक आफ फार स्टुडेंन्ट 10 जुलाई को सुबह 10 बजे से आयोजित कर रहा है। अभियान का मुख्य एजेंडा देश में बढ़ते कोविद -19 संक्रमणों के कारण परीक्षाओं को रद्द करना और पिछले परफारमेंस के आधार पर छात्रों के मूल्यांकन की मांग करना है। लॉकडाउन के कारण हुई आर्थिक तंगी के मद्देनजर इस अभियान में 6 माह तक कोई फीस नहीं लेने की मांग भी प्रमुख है।

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