एलएचबी आधारित ट्रेनों में हेड ऑन जनरेशन प्रणाली द्वारा सुविधाजनक रेल परिवहन की पहल

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बिलासपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली 06 ट्रेनों में लगे 02 में से 01 पावर कार को हटाकर एवं इसके स्थान पर 01 सामान्य कोच लगाकर रेल यात्रियों के लिए अतिरिक्त सीटों की सुविधा दी जा रही है । वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की अधिकांश ट्रेनें अत्याधुनिक ‘हेड ऑन जेनरेशन‘ (एचओजी) प्रौद्योगिकी के साथ हरित यानी ‘ग्रीन’ ट्रेन के रूप में परिचालित की जा रही है । अब ये ट्रेनें कोचो में बिजली की आपूर्ति के लिए जनरेटर कारों में महंगे डीजल ईंधन को जलाने की बजाय ओवर हेड उपकरण (ओएचई) के माध्यम से सीधे ग्रिड से बिजली लेकर कोच में बिजली के उपकरणों आदि के लिए बिजली की जरूरतों को पूरा कर रही है ।

क्या है ‘एचओजी’ प्रणाली

एचओजी प्रणाली के द्वारा इंजन से सीधे इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पावर केबल की शक्ति का उपयोग करके प्रकाश और एयर कंडीशनिंग के लिए कोचों को विद्युत आपूर्ति करने की एक प्रणाली है । एलएचबी आधारित ट्रेनों के कोचों के लिए विद्युत उत्पादन के सबसे आम तरीके को एंड ऑन जेनरेशन (ईओजी) कहा जाता है । प्रत्येक एलएचबी गाड़ियों पर कोचों को विद्युत आपूर्ति करने के लिए डीजल इंजन ले जाने वाली पावर कार के दो सेट होते थे जिसमें कोच में लाइट और एयर कंडीशनिंग के लिए बिजली की आपूर्ति ट्रेन के दोनों सिरों पर लगाए गए विद्युत कारों में उपलब्ध डीजल जेनरेटर सेट के माध्यम से की जाती है । वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की अधिकांश ट्रेनों में ‘हेड ऑन जेनरेशन‘ (एचओजी) प्रौद्योगिकी अपनायी जा रही है, जिससे ट्रेनों में आपातकालीन जरूरतो के लिए एक ही जनरेटर कार की आवश्यकता है ।

इसी कड़ी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली 06 ट्रेनों (02883/02884 दुर्ग-निज़ामुद्दीन-दुर्ग, एक्सप्रेस स्पेशल, 08201/08202 दुर्ग-नौतनवा-दुर्ग एक्सप्रेस स्पेशल, 08203/08204 दुर्ग-कानपुर-दुर्ग, एक्सप्रेस स्पेशल) में लगे 02 में से 01 पावर कार को हटाकर एवं इसके स्थान पर 01 सामान्य कोच लगाकर रेल यात्रियों के बैठने के लिए अतिरिक्त सीटों की सुविधा दी जा रही है । यह सुविधा इन ट्रेनों में क्रमशः दिनांक 25, 26 एवं 28 मार्च’ 2021 से शुरू हो जाएगी । वर्तमान में कोविड-19 के कारण सभी ट्रेने स्पेशल के रूप में परिचालित की जा रही है । नियमित ट्रेनों के परिचालन शुरू होने से इस सुविधा का लाभ 08 ट्रेनों (दुर्ग-निज़ामुद्दीन-दुर्ग,संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, दूर्ग-जम्मूतवी-दुर्ग एक्सप्रेस, दुर्ग-नौतनवा-दुर्ग, एक्सप्रेस एवं दुर्ग-कानपुर-दुर्ग, एक्सप्रेस) में मिलेगी ।

 ट्रेनों में HOG प्रणाली के निम्नलिखित लाभ हैं

1.डीजल की नगण्य खपत के परिणाम स्वरूप राजस्व की बचत ।
2. डीजल जलने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विद्युत परिवहन व्यवस्था की ओर अग्रसर ।
3. ट्रेनों में उच्च क्षमता वाले डीजल जनरेटर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण का उन्मूलन कर इस प्रकार यात्रियों की सुविधा में वृद्धि करता है ।
4. ट्रेनों में यात्रियों के लिए बैठने की क्षमता में वृद्धि ।
5. डीजल जनरेटर से तेल और जनरेटर के अन्य खतरनाक ज्वलनशील उपकरणों को पृथक करने के कारण आग के खतरों मे कमी ।
6. स्वच्छ, शांत और सुविधाजनक रेल परिवहन के लिए एक सराहनीय पहल ।

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