May 10, 2024

कांग्रेस की सत्ता का उपभोग सबसे ज्यादा आजाद ने किया संघर्ष में वही भाग गए

रायपुर. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठतम नेताओ में से एक गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दिया है। प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आजाद को कांग्रेस पार्टी बहुत कुछ दिया, राष्ट्रीय ख्याति, राष्ट्रीय नेतृत्व, अगाध भरोसा और सम्मान। पार्टी ने उनको दिया ही दिया है। जब केंद्रीय जिम्मेदारी से उन्हें जम्मू-कश्मीर भेजा गया तब भी पार्टी नेतृत्व पर आरोप लगा कि उनको जम्म-ूकश्मीर पर थोपा जा रहा तब भी पार्टी उनके साथ खड़ी रही। पार्टी जब बुलंदियों पर थी सत्ता से लेकर केंद्र की जम्मू की सत्ता गंवाने तक पार्टी के हर शीर्ष निर्णयों निर्णायक कमेटियों में आजाद की भूमिका प्रमुख रहती रही है। यदि पार्टी की सत्ता की सहभागिता में वो थे पार्टी के चुनावी असफलता में अपनी सहभागिता से आजाद भाग रहे हैं ।

प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी भाजपा के कुशासन के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई छेड़ने जा रही मंहगाई को लेकर देश व्यापी प्रदर्शन हो रहे। ऐसे समय में, जब कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी जी के नेतृत्व में, तथा अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी के नेतृत्व में पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और संगठन सड़क पर महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी 4 सितम्बर को महंगाई पर हल्ला बोल की राष्ट्रीय रैली दिल्ली के रामलीला मैदान में रखी है और 7 सितम्बर को भारत जोड़ो यात्रा, जो कि महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ, भाजपा के खिलाफ सीधी-सीधी लड़ाई है। कांग्रेस पार्टी ने 29 तारीख को 22 प्रेस कांफ्रेंसेज़ पूरे देश में रखी हैं, 5 सितम्बर को 32 प्रेस कांफ्रेंस पूरे देश में भारत जोड़ो यात्रा के बारे में रखी है, अत्यंत दुख की बात ये है कि गुलाम नबी आजाद ने ऐसे समय में कांग्रेस को छोड़ने का और इस लड़ाई के अंदर साथ छोड़ने का फैसला किया है।

ये लड़ाई, जो जनता के मुद्दों के लिए कांग्रेसी लड़ रहे हैं, महंगाई के मुद्दों के लिए लड़ रहे है, बेरोजगारी के मुद्दों के लिए लड़ रहे हैं, ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रहे हैं और कांग्रेस पार्टी सबसे प्रमुख विपक्षी पार्टी होने के नाते लड़ रही है; इसमें भी कोई दोराय नहीं है कि सबसे मुखर नेता अगर कोई पूरे देश में है, तो वो राहुल गांधी है, तो ऐसे समय में गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर विपक्ष की आवाज और जनता की आवाज को अपना बल देते, दुख की बात ये कि वो भाग खड़े हुए और कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप लगाने लगे यह आरोप किनके इशारों पर है देश की जनता समझ रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे ज़्यादा सम्मान दिया, उसी व्यक्ति ने कांग्रेस नेतृत्व पर व्यक्तिगत आक्रमण करके अपने असली चरित्र को दर्शाया है। पहले संसद में मोदी के आंसू, फिर पद्म विभूषण, फिर मकान का एक्सटेंशन…..यह संयोग नहीं सहयोग है।

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