नाबालिक बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास
बड़वानी . प्रथम अपर सत्र न्यायालय सेंधवा दिपीका मालवीय साहब ने अपने फैसले मे नाबालिक बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोप मे आरोपी नहारसिंह उर्फ नाहरिया पिता झंझाड़ उम्र 41 वर्ष नि. मोरतलाई जिला बडवानी को धारा 5एम/6, पाक्सों एक्ट में 20 वर्ष एवं 10,000 रूपये एवं धारा 363 भादवि में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी श्री संजयपाल मोरे विषेषलोक अभियोजक सेंधवा द्वारा की गई।
अभियोजन मीडिया प्रभारी सुश्री कीर्ति चौहान सहायक जिला अभियोजन अधिकारी बड़वानी ने बताया कि फरियादी ने दिनांक 06.01.22 को पुलिस थाने पर जाकर रिपोर्ट लिखाई थी कि वह दोनो पति पत्नी (बालिका के माता पिता) सुबह मजदुरी करने चले गये थे तथा दोपहर में वापस आये तो बालिका नहीं दिखी, तो उसकी माता ने आसपास गॉव में उसकी तलाष की और मोहल्ले के बच्चो से पूछा तो उन्होने बताया कि वह नाले तरफ टायलेट के लिये गई है जब वह बहुत देर होने के बाद भी वह नहीं लौटी तो उसके पिता उसको ढुॅढते हुये नाले तरफ गये जहां पीड़िता नहीं मिली तो नाले के आस-पास पीड़िता की तलाष करते हुये गन्ने के खेत से उसे आरोपी नहारसिंग अपने कपड़े झकटते हुये जाता हुआ दिखाई दिया। जब पीड़िता के पिता ने नहारसिंग से पूछा की उसकी बालिका को देखा है तो नहारसिंह ने बोला कि मुझे नहीं पता और वहॉ से भाग गया। जब पीड़िता का पिता गन्ने के खेत तरफ बालिका को देखने के लिए गया तो उसकी बालिका जमीन पर बेहोश पड़ी हुयी थी तब बालिका का पिता उसको गोद में उठाकर घर लाया तब बालिका को थोड़ा होश आया तो उस ने बताया कि आरोपी उसे पोहे खिलाने के बहाने गन्ने के खेत मे लेकर गया और उसके साथ गंदा काम (दुष्कर्म) किया इस कारण वह बेहोस हो गयी थी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पाक्सों एक्ट एवं भादवि के अंतर्गत मामला दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। माननीय न्यायालय ने विचारण के दौरान आरोपी द्वारा बालिका का लैंगिक षोषण किया जाना प्रमाणित पाया गया तथा विषेष न्यायाधीष महोदय श्रीमती दीपिका मालवीय महोदय द्वारा पुलिस की कार्यवाही एवं साक्षियों के बयानों के आधार पर आरोपी को दोषी पाते हुये 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 11000 हजार रूप्ये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।