May 9, 2024

राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फूले का 193 वाँ जन्मोत्सव पर निकली बाईक रैली

बिलासपुर. भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज देश की प्रथम महिला अध्यापिका, कवियत्री,समाज सेविका एवं नारी शिक्षा आंदोलन की प्रणेता क्रांतिज्योति राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फूले जी का 193 वाँ जन्मोत्सव इस अवसर पर राष्ट्रमाता सावित्री बाई फूले महिला मण्डल एवं महिला सशक्तिकरण संघ बिलासपुर (छ.ग.) के संयुक्त तत्वाधान में मोटर बाईक रैली का आयोजन किया गया ।
सावित्री बाई फूले का संक्षिप्त जीवन परिचय एवं उनके द्वारा किए गए सामाजिक संघर्षो को चिन्हांकित किया जाना उचित होगा ।
माता सावित्री बाई फूले का जन्म 3 जनवरी 1831 में महाराष्ट्र के सतारा जिला में हुआ तथा
कालांतर में इनका विवाह पुणे समाज सेवी ज्योतिराव फूले से हुआ। पति से शिक्षा – दीक्षा- सम्मान -प्रोत्साहन प्राप्त कर सावित्री बाई भारत की पहली महिला शिक्षिक बनी एवं पति ज्योतिराव फूले के साथ मिलकर 1848 में पुणे में प्रथम महिला विद्यालय की स्थापना की जिसमे वे स्वयं शिक्षिका के रूप में लड़कियों और समाज के बहिष्कृत हिस्सों के लोगों को शिक्षा प्रदान की।
आजादी से पहले समाज के अंदर छुआछूत, सतीप्रथा, बाल – विवाह और विधवा पुर्नविवाह
बाध्यता जैसी कुरीतियां व्याप्त थी। आज की तरह महिलाओं को शिक्षा का अधिकार नहीं था ऐसे कठिन एवं चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों को स्वीकार करते हुए सावित्री बाई दलित, शोषित, पीड़ित एवं शुद्र महिलाओं के उत्थान के लिए काम करना प्रारंभ किया इस दौरान सावित्री बाई को समाज के एक बड़े वर्ग के विरोध का भी सामना करना पड़ा जब वे विद्यालय पढ़ाने के जाती तो लोग उन पर कीचड गंदगी फेकते और पत्थर से मारते बावजूद इसके सावित्री बाई अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रही एवं वर्ष 1849 तक कुल 5 विद्यालय जिसमें लड़कियों को शिक्षित किया जाता था प्रारंभ किया। तत्कालिक सरकार ने फूले दम्पत्ति को इस कठिन प्रयासों के लिए सम्मानित भी किया। 1848 से सावित्री बाई के मृत्यु पर्यन्त एक महिला प्राचार्य के लिए बालिका विद्यालय चलाना कितना मुश्किल रहा होगा इसकी कल्पना शायद आज भी नहीं की जा सकती।
आज आजादी के 75 वर्षों के पश्चात् जब हम अपने समाज एवं राष्ट्र के लिए समर्पित उन
जननायक/ नायिकाओं को याद करते है एवं उनके सम्मान एवं स्मृति में उनके कार्यों को याद करने के साथ – साथ उनका जन्मदिवस एक त्यौहार एवं समारोह के रूप में मनाते है।
रैली सर्वप्रथम बाबासाहब प्रतिमा स्थल से बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल को ज्ञापन दे कर कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया।
महिला सशक्तिकरण संघ एवं राष्ट्रमाता सावित्री बाई फूले महिला मण्डल बिलासपुर (छ.ग.) द्वारा
भारत की प्रथम महिला शक्षिका, कवियत्री, समाज सेविका एवं नारी शिक्षा आंदोलन की प्रणेता माता सावित्रीबाई फूले की स्मृति में शासकीय उच्च माध्य. विद्यालय उसलापुर स्कूल का नाम माता सावित्रीबाई फूले के नाम पर किये जाने एवं मंगला चौक में माता सावित्रीबाई फूले की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की मांग कि गई।
आज ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से वंदना भांगे एवं बौद्ध समाज के पदाधिकारियों महिला मंडल एवं अम्बेडकर युवा मंच के सदस्य और समाज के सदस्य काफी संख्या में मोजूद थे।

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