April 26, 2024

बिलासपुर मेरे लिये महत्वपूर्ण जिला है : एसपी

बिलासपुर/अनिश गंधर्व. नये पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने पदभार ग्रहण करने के बाद बिलासागुड़ी में पत्रकारों से चर्चा की। मीडिया कर्मियों से परिचय लेने के बाद उन्होंने स्वयं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रेस परिवार से मैं भी जुड़ा हुआ हंू, इसलिए मीडिया से बेहतर संबंध की उम्मीद रखता हूं।   मूलत: गाजीपुर उत्तर प्रदेश निवासी पुलिस कप्तान ने बताया कि 2011 के बैच में उनका चयन हुआ इसके बाद दुर्ग में सीएसपी के रूप में ट्रेनिंग पूरी की। कोंडागांव, रायगढ़, महासमुंद, कोरिया, राजनांदगांव, कोरबा के बाद राज्य के दूसरे बड़े शहर में कार्यभार सौंपा गया है। यहां थानों का निरीक्षण और पुलिसिंग को समझने के बाद बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्य किया जाएगा। बिलासपुर मेरे लिए महत्वपूर्ण जिला है, यहां की चैलेजिंग को समझने के बाद अभियान चलाकर समस्या का समाधान किया जाएगा। पुलिस थानों में राजनेताओं के दखल को स्वीकार कर सहीं और गलत का आकलन करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।  नेताओं के पास भी मामले आते हैं इसमें हम लोग बैलेंश बनाते हैं। थाना परिसर में पुलिस कर्मचारियों के बीच हुई मारपीट की घटनाओं के संबंध में उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने वाले पुलिस कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
बिलासागुड़ी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए नए पदस्थत पुलिस अधीक्षक श्री सिंह ने  कहा कि अभी तक छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों में काम करने का अवसर मिला है। दुर्ग में सीएसपी के रूप में काम किया, फिर एडिशनल एसपी के रूप में सुकमा में काम किया। इसके बाद कोंडागांव, नारायणपुर, रायगढ़, कोरिया, राजनांदगांव और कोरबा में काम करने के बाद अब बिलासपुर में काम करने का अवसर मिला है। हर जगह की अलग समस्याएं और चुनौतियां होती है। उसके हिसाब से प्राथमिकताएं तय कर काम करना पड़ता है। यहां की समस्याओं और जरूरतों को पहले देखूंगा उसके बाद प्राथमिकताएं तय करूंगा। बड़े जिलों में अपराध एक बड़ी चुनौती होती है। विशेषकर दूसरे प्रदेशों से आकर अपराध करने वाले, क्योंकि वे अपराध करने के बाद गायब हो जाते है। हर बड़े शहर की ये चुनौती है। दूसरा नशे से संबंधित अपराध है जो लगातार बढ़ता जा रहा है। तीसरा ट्रैफिक की समस्या है। बिलासपुर में ट्रैफिक का काफी दबाव है। सडक़ हादसे में और सडक़ हादसे से हुई मौत में बिलासपुर जिला प्रदेश में तीसरे नंबर पर है। तो इन सभी समस्याओं पर काम किया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि आपको नक्सल क्षेत्र और मैदानी क्षेत्र दोनो में काम करने का अवसर मिला है। कहां के अपराधी ज्यादा शातिर होते है ? तो उन्होंने कहा कि दोनो जगह की अलग अलग चुनौतियां है। नक्सल क्षेत्र में पुलिस के सामने जीवन मृत्यु का सवाल रहता है। ऐसे चार जिलों में काम करने का अवसर मिला काफी मुश्किल हालात थे। लेकिन धीरे धीरे हालात बदल रहे है, लगातार बेहतर काम हो रहे है, पहली बहुत इनकाउंटर्स होते थे जिसमे नक्सली तो मारे हो जाते थे पुलिस के जवान भी शहीद होते थे। लेकिन उस क्षेत्र में विकास हुआ है और सरकार की योजनाएं लोगों तक पहुंच रही है। जिससे स्थिति बेहतर हो रही है। दोनों काम में पुलिस का महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। विकास के काम में लगे लोगों को सुरक्षा देना पड़ता है और योजनाओं को आम आदमी तक पहुंचने वालो को भी सुरक्षा देनी पड़ती है। मैदानी क्षेत्र में मर्डर, गैंगवार, ड्रग्स, डीजल चोरी, कोयला चोरी, कबाड़ चोरी जैसी समस्या रहती है। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर राजेंद्र जायसवाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राहुल देव शर्मा, सीएसपी कोतवाली पूजा कुमार, सिविल लाइंस सीएसपी संदीप पटेल, हेड क़्वाटर डीएसपी राजेश श्रीवास्तव सहित अधिकारी मौजूद रहे।

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