धर्म बदल लेने से जाति नहीं बदलता : केपी खाण्डे
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष केपी खाण्डे आज एक दिवसीय बिलासपुर प्रवास पर पहुंचे। उन्होंने समाज के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा की। इसके बाद छग भवन में सामाजिक बंधुओं से मिलकर आरक्षक मुद्दे को लेकर बीतचीत की। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों में अलग- अलग जाति के लोग है। कोई धर्म बदल सकता है किंतु अपनी जाति नहीं बदल सकता। समाज में जो लोग गलत नीति का पालन करते हैं वो हमेशा गलत ही रहते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में अनुसूचित जनजाति की आबादी 32 प्रतिशत है। अनुसूचित जाति की आबादी 12 प्रतिशत है। इसके बाद 50 प्रतिशत के भीतर ओबीसी वर्ग को 6 प्रतिशत का लाभ मिलना चाहिए। ओबीसी को काटने की हिम्मत न आज की सरकार को है न इसके पहले की सरकार में थी। उन्होंने बताया कि बौध धर्म के लोगों ने तो यह तक कह दिया था कि हम हिन्दु देवी देवताओं को नहीं मानेंगे। अगर जाति सतनामी है और किसी दूसरे धर्म का पालन करता है तो वह सतनामी के दर्जें में रहेगा। क्यों कि धर्म बदलने से जात नहीं बदलता। और सभी धर्मों में अलग अलग जाति के लोग होते हैं। छग भवन में राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष केपी खाण्डे मिलने दर्जनों की संख्या में सामाजिक लोग आये हुए थे।