May 7, 2024

सुबह रोज 15 मिनट करें ये आसन, मिलेंगे यह जबरदस्त फायदे

योग, स्वस्थ रहने का सबसे सरल और सटीक है. इसके नियमित अभ्यास से न केवल आप स्वस्थ और सुखी रहतें हैं, बल्कि आपका इम्युनिटी सिस्टम भी मजबूत होता है. इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं हलासन के फायदे. योगाचार्य कहते हैं कि हलासन का सेवन करने से वजन कम होता है और शरीर को मजबूती मिलती है. इसके साथ ही इसके कई और भी शानदार फायदे हैं.

हलासन क्या है?
हलासन दो शब्द ‘हल’ और ‘आसन’ से मिलकर बना है. हल अर्थात ज़मीन को खोदने वाला कृषि यंत्र और आसन बैठने की मुद्रा. इस योग को करने में शरीर की मुद्रा हल की तरह होता है, जिसे अंग्रेजी में ‘प्लो पोज’ कहते हैं. इस योग के कई फायदे हैं.

हलासन करने से पहले जानें ये तीन जरूरी बातें

  1. बेहतर होगा कि हलासन का अभ्यास सुबह के वक्त और खाली पेट किया जाए.
  2. किसी कारण से आप सुबह इसे नहीं कर पाते हैं तो हलासन (Halasana) का अभ्यास शाम को भी किया जा सकता है.
  3. ध्यान रहे कि आसन के अभ्यास से पहले शौच जरूर कर लें और भोजन भी अभ्यास से 4-6 घंटे किया गया हो तो बेहतर होगा.

हलासन करने का सरल तरीका

  • सबसे पहले स्वच्छ वातावरण और समतल स्थान पर मैट अथवा दरी बिछा लें.
  • अब इस पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को मैट पर रखें.
  • अब धीरे धीरे अपने पैरों को एक सीध में ऊपर उठाएं.
  • फिर कमर के सहारे अपने सिर के पीछे ले जाएं.
  • इसे तब तक सिर के पीछे ले जाएं, जब तक आपके पैर ज़मीन को न छू लें.
  • अब अपनी क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में रहें.
  • फिर अपनी नार्मल पोजीशन में आ जाएं.
  • इस योग को रोजाना 5 बार जरूर करें.

हलासन करने के फायदे 

  1. यह पाचन तंत्र के अंगों की मसाज करता है और पाचन सुधारने में मदद करता है.
  2. हलासन मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है.
  3. डायबिटीज के मरीजों के लिए ये बेस्ट आसन है, क्योंकि ये शुगर लेवल को कंट्रोल करता है
  4. ये रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाता और कमर दर्द में आराम देता है.
  5. हलासन का अभ्यास स्ट्रेस और थकान से निपटने में भी मदद करता है.
  6. इसके नियमित अभ्यास से दिमाग को शांति मिलती है.
  7. इस आसन से रीढ़ की हड्डी और कंधों को अच्छा खिंचाव मिलता है.
  8. ये थायरॉयड ग्रंथि से जुड़ी समस्याओं को भी खत्म करने में मदद करता है.

हलासन के अभ्यास में सावधानियां 

  • इसका अभ्यास किसी योग्य योग ट्रेनर की देखरेख में ही शुरू करें.
  • शुरुआत में आप अपनी गर्दन पर ज्यादा खिंचाव महसूस कर सकते हैं.
  • कंधों का दबाव कान पर बनाने की कोशिश करें, इससे कनपटी और गला मुलायम बनते हैं.
  • डायरिया या गर्दन में चोट की समस्या है तो इसका अभ्यास न करें.
  • अगर आप हाई बीपी या अस्थमा के मरीज हैं तो ये आसन न करें.

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