May 6, 2024

ज्यादा हेल्दी फूड खाने से हो सकते हैं Eating disorder ऑर्थोरेक्सिया का शिकार, जानें कितना खतरनाक है ये विकार

Eating disorder Orthorexia : क्या आपने सुना है कि हेल्दी डाइट भी कभी-कभी हमारे शरीर के लिए परेशानियां खड़ी कर सकती है। सुनने में यह भले ही अजीब लगे, लेकिन सच है कि कई लोग हेल्दी डाइट के चक्कर में ऑर्थोरेक्सिया जैसे डिसऑर्डर का शिकार हो रहे हैं।

Eating disorder Orthorexia: मौजूदा दौर में मोटापा (obesity) और और मानसिक विकार (Mental disorders) अपने चरम पर हैं। यही वजह है कि आए दिन ही तमाम डायटीशियन हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन हेल्दी खाना का ट्रेंड और कल्चर हर किसी के लिए उतना सही नहीं हो सकता है जितना कि कहने में लगता है। क्योंकि कुछ मामलों में आपको हेल्दी फूड खाने से भी बीमारियां हो सकती हैं। सुनने में यह बात आपको भले ही अजीब सी लगे, लेकिन यह सच है और यहां हम आपको इसकी कुछ वजह भी बता रहे हैं। आइए, हम इस बात की गहराई में जाते हैं कि आखिर कैसे हेल्दी भोजन हम और आपके लिए नुकसानयादक हो सकता है।

सालों बीत जाने के बाद शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि स्वस्थ खाने से बीमारियां हो सकती हैं। दरअसल, तकनीकी रूप से हेल्दी भोजन हमें परेशान में नहीं डालता बल्कि इसके जिम्मेदार कहीं न कहीं हम और हमारी कुछ आदतें हैं। खाने की आदतों से जुड़े ऐसे कई विकार हैं जिसे ऑर्थोरेक्सिया (orthorexia) कहा जाता है।

​ऑर्थोरेक्सिया

ऑर्थोरेक्सिया, जिसे ऑर्थोरेक्सिया नर्वोसा के रूप में भी जाना जाता है जो एक तरह का ईटिंग डिसऑर्डर (eating disorder) है। इस विकार में लोग अच्छी तरह से खाने को लेकर एक अलग ही जूनून में होते हैं। वे हेल्दी चीजें खाने को लेकर भी टेंशन लेते हैं। ये विकार ज्यादातर भोजन की मात्रा की बजाय उसकी गुणवत्ता से संबंधित है। ऑर्थोरेक्सिया के लोग आमतौर अपने भोजन और उसकी अच्छी गुणवत्ता पर फोकस करते हैं। ऐसे में वे अपनी खुराक कम कर देते हैं और कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का ही चयन करते हैं।

​करे करें डिसऑर्डर की पहचान?

इस विकार के बारे में वास्तव में हमें कैसे पता चलेगा कि हम इसके शिकार हैं? दरअसल, इसका कोई सटीक मानदंड नहीं है जो इस तरह के डिसऑर्डर का इलाज कर सके। हालांकि, शोधकर्ताओं और डॉक्टरों ने इस विकार के कुछ सिम्टम्स बताए हैं जिसके जरिए हम पता कर सकते हैं हमें ये डिसऑर्डर है या नहीं। इन लक्षणों में भोजन सामग्री सूची और न्यूट्रिशन फेक्ट लेबल को पढ़ना, फूड कैटेगरी के बारे में सोचना आदि हैं।

इसके अलावा मन मुताबिक, हेल्दी फूड न मिलने पर टेंशन लेने के साथ-साथ हेल्दी लिविंग सोशल मीडिया अकाउंट और ब्लॉगों को फॉलो करना शामिल है। हालांकि, हमें यहां यह भी समझना चाहिए कि, जो कोई एक स्पेशल डाइट को फॉलो करता है या हेल्दी खाने की कोशिश करता है, वह हमेशा ही ऑर्थोरेक्सिया का विकार नहीं होता। लेकिन ज्यादा चूजी होने पर यह समस्या हो सकती है और ऐसे में आपकी सेहत पर हेल्दी फूड कुछ खास असर नहीं दिखता है।

​क्या ये सीरियस समस्या हो सकती है?

इस विकार से शारीरिक, मानसिक और यहां तक कि सामाजिक जटिलताएं भी हो सकती हैं। कुपोषण (Malnutrition), एनीमिया (anaemia) और असामान्य रूप से दिल की धड़कन की गति धीमी हो सकती है। क्योंकि हेल्दी खाने के चक्कर में ऐसे लोगों की डाइट सामान्य से भी काफी कम हो जाती है और ऐसे में उनके शरीर में जरूरी पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते जिनकी कमी से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।

इनमें गंभीर कुपोषण से लेकर पाचन, इलेक्ट्रोलाइट और हार्मोनल असंतुलन, मेटाबॉलिक एसिडोसिस और हड्डियों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं शामिल हैं। साथ ही व्यक्ति को अत्यधिक मनोवैज्ञानिक प्रभावों का भी सामना करना पड़ सकता है, जिसमें अटेंशन की कमी, सामाजिक परिदृश्यों में रुचि खोना और भी बहुत कुछ।

​कमजोर हो सकता है इम्यून सिस्टम

डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ़ मेंटल डिसऑर्डर (डीएसएम) या द इंटरनेशनल क्लासीफ़िकेशन ऑफ डिज़ीसस (आईसीडी) के अनुसार, ऑर्थोरेक्सिया आधिकारिक रूप से कोई मान्य भोजन विकार नहीं है, लेकिन अब ऐसे लोगों की संख्या काफी बढ़ रही है। समय के साथ अब तमाम लोग भोजन को लेकर होते जा रहे हैं और ऐसे में उनकी डाइट कम होती जा रही है। कम आहार मिलने पर ऑर्थोरेक्सिया शरीर की इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है और हड्डियां भी वीक होने लगती हैं।

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