May 10, 2024

पैतृक जमीन की सीमांकन के लिए 40 साल से भटक रहे किसान, मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत

बिलासपुर. मस्तूरी क्षेत्र के किसान अपने पैतृक जमीन की सीमांकन करवाने के लिए 40 साल से राजस्व विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। गांव के सरपंच के करीबियों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। सरपंच के प्रभाव में आकर राजस्व अधिकारी आज तक सीमांकन नहीं किया है। पीड़ित किसान सोमवार को कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे। यहां न्याय नहीं मिलने पर किसान सीएम भूपेश बघेल से शिकायत करेंगे।  ग्राम पंचायत लावर के रहने वाले पुनऊ राम पिता स्व. तनगु खेती किसानी का काम करते हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि ग्राम बकरकुदा उनकी पैतृक गांव था। वहां से परिवार समेत ग्राम लावर में आकर बस गए। बकरकुदा गांव में उनकी स्वामित्व व अधिपत्य की जमीन खसरा नंबर 325 रकबा 0.08 स्थित है। गांव वाले बेजा कब्जा कर लिया है। उन्होंने सबसे पहले साल 1982-83 में पैतृक जमीन की सीमांकन करवाने के लिए तहसील मस्तूरी में आवेदन लगाया था। लेकिन, सीमांकन नहीं हो सका। इसके बाद से लगातार किसान सीमांकन करवाने के लिए राजस्व विभाग का चक्कर लगा रहे है। जबकि किसान के पास ऋण पुस्तिका नक्शा, खसरा समेत सभी दस्तावेज उपलब्ध है। भूइयां एप में आनलाइन रिकार्ड में भी नाम दर्ज है। बीते 10 नवंबर 2021 को किसान फिर से सीमांकन के लिए आवेदन किया। इस बीच तहसीलदार ने पटवारी को आदेश दिया। पटवारी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन सीमांकन नहीं किया। कुछ दस्तावेजों में ग्रामीणों से हस्ताक्षर करवाने के बाद वापस लौट गए। अब तहसीलदार भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। पीड़ित किसान का कहना है कि गांव के सरपंच के करीबियों के दबाव में आकर पटवारी ने सीमांकन नहीं किया है। वे अपने ही जमीन को पाने के लिए 40 साल से भटक रहे हैं। जमीन के पास जाने पर ग्रामीण मारपीट करने की धमकी देते हैं। इससे किसान मानसिक रूप से परेशान है। कलेक्टर से न्याय नहीं मिला तो सीएम भूपेश बघेल  के पास शिकायत करने की बात कही है।

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