May 8, 2024

हसदेव बचाओ पदयात्रा का सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभाग ने महामाया चौक पर किया स्वागत


बिलासपुर. हसदेव बचाओ पदयात्रा आज  पाली जिला कोरबा से चलकर बिलासपुर जिले के रतनपुर पहुँची। रास्ते मे मेलनाडीह में बी एस टेकाम सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पदयात्रा में शामिल होकर एकजुटता प्रदर्शित की। शाम को रतनपुर पहुँचते ही महामाया चौक में सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष परते सहित आर एस टेकाम प्रदेश अध्यक्ष जयस, आयुष राज प्रदेश सचिव युवा प्रभार, पवन सोठे जिला उपाध्यक्ष युवा प्रभार बिलासपुर, मनोज मरावी कार्यकारी जिला अध्यक्ष जिला बिलासपुर, सूरज मरकाम नगर अध्यक्ष, ज्ञानाधर शास्त्री एकता परिषद सहित बड़ी संख्या में लोगों ने यात्रियों का स्वागत कर अपना समर्थन प्रदान किया। आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सुभास परते ने कहा कि आज प्रदेश में आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को लगातार कुचला जा रहा है। ग्रामसभाओं के अधिकारों को दरकिनार जंगल, जमीन, खनिज संपदा को कार्पोरेट को सौंपा जा रहा हैं। आपकी यह यात्रा सिर्फ हसदेव ही नही बल्कि पूरे प्रदेश में चल रहे लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई को मजबूत करेगी।पदयात्रा में आज जिला किसान संघ राजनादगांव से सुदेश टीकम सहित बड़ी संख्या में लोग यात्रा में शामिल हुए जो 13 तारीख तक सतत रायपुर चलेंगे। हसदेव बचाओ यात्रा कल 9 अक्टूबर  को शाम 5 बजे बिलासपुर पहुँचेगी एवं शाम 6.30 बजे सामुदायिक भवन, नर्मदानगर बिलासपुर में सभा आयोजित की जाएगी। हसदेव बचाओ पदयात्रा में पदयात्रा  निम्नलिखित माँगो को पुनः दोहराते हुए इस पर शीघ्र संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की मांग राज्य सरकार से की गई।

• हसदेव अरण्य क्षेत्र की समस्त कोयला खनन परियोजना निरस्त करो।

• बिना ग्रामसभा सहमती के हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल बेयरिंग एक्ट 1957 के तहत किए गए भूमि अधिग्रहण को तत्काल निरस्त करो ।

• पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में किसी भी कानून से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के पूर्व ग्रामसभा से सहमती के प्रावधान को लागू करो।

• परसा कोल ब्लाक के लिए फर्जी प्रस्ताव बनाकर हासिल की गई वन स्वीकृति को तत्काल निरस्त करो एवं ग्रामसभा का फर्जी प्रस्ताव बनाने वाले अधिकारी और कम्पनी पर FIR दर्ज करो।

• घाट्बर्रा के निरस्त सामुदायिक वनाधिकार को बहाल करते हुए सभी गाँव में सामुदायिक वन संसाधन और व्यक्तिगत वन अधिकारों को मान्यता दो।
• पेसा कानून 1996 का पालन करो।

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