May 5, 2024

बाज नहीं आए Imran Khan, अब Sri Lanka से छेड़ा कश्मीर राग, China की तारीफ में भी पढ़े कसीदे


कोलंबो. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने अपने श्रीलंका (Sri Lanka) दौरे की शुरुआत द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने से की, लेकिन जल्द ही यह साफ हो गया कि उनका मकसद क्या है. खान ने अपनी इस यात्रा का इस्तेमाल भारत (India) के खिलाफ माहौल बनाने और उस पर निशाना साधने का एक नया ठिकाना तलाशने के लिए किया. इतना ही नहीं, वह अपने दोस्त चीन (China) का गुणगान करने से भी पीछे नहीं हटे. उन्होंने बताया कि किस तरह चीन मुश्किल समय में पाकिस्तान की मदद कर रहा है.

दूसरे दिन दिखाया रंग

इमरान खान (Imran Khan) के लिए श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने अपने आवास पर डिनर आयोजित किया था. इस दौरान दोनों नेताओं में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. इमरान ने असमानता के बारे में बात करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र (UN) जैसे संगठनों को उन देशों पर ध्यान देने की जरूरत है, जो कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. उनकी यात्रा का पहला दिन एक तरह से अपनी मजबूरियों को रोना रोने और सहायता की गुहार लगाने तक सीमित रहा, लेकिन दूसरे दिन उनका असली मकसद सामने आ गया.

Sri Lanka को किया आमंत्रित

इमरान खान ने व्यापार और निवेश सम्मेलन (Trade & Investment Conference) में भाग लिया और यहां चीन की जमकर तारीफ की. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के विकास में चीन कैसे मदद कर रहा है. खान एक तरह से श्रीलंका को यह संदेश देना चाह रहे थे कि चीन के करीब आने का उसे भी फायदा हो सकता है. इतना ही नहीं उन्होंने श्रीलंका को चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया. इसके बाद उन्होंने भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए कश्मीर का मुद्दा उठाया.

Kashmir पर कही ये बात

श्रीलंका को पता था कि इमरान खान उसकी संसद में कश्मीर राग छेड़ सकते हैं, इसलिए उसने खान के प्रस्‍तावित भाषण को रद्द कर दिया था. लेकिन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने व्यापार सम्मेलन में अपनी इच्छा पूरी कर ली. उन्होंने कहा, ‘मेरा सपना है कि उपमहाद्वीप में हम सभी मतभेदों को सुलझाएं और हमारा मतभेद केवल एक विषय पर है, वो है कश्मीर. हम चाहते हैं कि कश्मीर समस्या का हल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव के अनुसार हो और इसे सिर्फ संवाद के जरिए ही इस दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है’.

Muslims की बात पर खामोशी

खुद को दुनियाभर के मुस्लिमों का हिमायती बताने वाले पाकिस्तान ने श्रीलंका की उस नीति पर विरोध नहीं जताया, जिसके तहत कोरोना से मरने वाले मुस्लिम और ईसाई लोगों का जबरन दाह संस्कार किया जा रहा है. श्रीलंका की नई नीति में कहा गया है कि मृतक का धर्म चाहे कोई भी हो, उसका दाह संस्कार ही किया जाएगा. जबकि इस्लामिक परंपरा के अनुसार मृतक को दफन किया जाता है. श्रीलंका सरकार के इस फैसले से मुस्लिम राष्ट्र चिंतित हैं, लेकिन इमरान खान इस ‘चिंता’ से श्रीलंका के प्रधानमंत्री को अवगत कराने का साहस नहीं जुटा सके.

Amnesty की अपील दरकिनार

15 फरवरी को, एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने इमरान खान को एक पत्र लिखा था. जिसमें उनसे आग्रह किया गया था कि अपनी श्रीलंका यात्रा के दौरान वह जबरन दाह संस्कार का मुद्दा उठाएं, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इसे नजरअंदाज कर दिया. बता दें कि भारत के बाद पाकिस्तान इस क्षेत्र में श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और वह श्रीलंका के ज्यादा करीब पहुंचने की कोशिशों में लगा है, ताकि उसे भारत के खिलाफ खड़ा कर सके. पिछले तीन दशकों में, कोलंबो ने सैन्य आपूर्ति के लिए इस्लामाबाद पर ज्यादा भरोसा जताया है. पाकिस्तान में श्रीलंका के सैनिक प्रशिक्षण लेते हैं.

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