April 25, 2024

Iran ने Nuclear Facility में हुए Blackout को बताया आतंकी घटना, America और Israel के साथ बढ़ सकता है तनाव


तेहरान. ईरान (Iran) ने अपनी भूमिगत नतांज परमाणु इकाई (Natanz Nuclear Facility) में हुए ब्लैकआउट को आतंकवादी कार्रवाई करार दिया है. देश के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख अली अकबर सालेही (Ali Akbar Salehi) ने कहा कि रविवार को हुई घटना आतंकी कार्रवाई थी. हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन माना जा रहा है कि ईरान का इशारा अमेरिका या इजरायल की तरफ है. बता दें कि इस समय वैश्विक शक्तियां और ईरान परमाणु समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं, ऐसे में इस घटना से तनाव बढ़ सकता है.

किसी के हताहत होने की सूचना नहीं
नतांज परमाणु संयंत्र में रविवार को अचानक बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी. यह घटना यूरेनियम के अधिक तेजी से संवर्धन करने वाली सेंटरफ्यूज फैसिलिटी शुरू किए जाने के एक दिन बाद हुई. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. शुरुआत में इसे एक सामान्य बिजली संकट के रूप में देखा गया था, मगर अब ईरान का कहना है कि यह आतंकी कार्रवाई है.

Opponents ने दिया हमले को अंजाम
अली अकबर सालेही ने कहा कि इस हमले को देश की औद्योगिक और राजनीतिक प्रगति से नाखुश लोगों द्वारा अंजाम दिया गया है. विरोधियों का लक्ष्य संपन्न परमाणु उद्योग के विकास को रोकना है. उन्होंने आगे कहा कि विरोधियों के लक्ष्य को विफल करने के लिए ईरान एक तरफ परमाणु तकनीक में गंभीरता से सुधार जारी रखेगा और दूसरी ओर दमनकारी प्रतिबंधों को हटाने के लिए भी प्रयास करता रहेगा. गौरतलब है कि ईरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा लगाए गए प्रतिबंध हटाने की मांग करता आ रहा है.

Deal से अलग हो गए थे Trump
अमेरिका और ईरान के बीच काफी समय से संबंध तनावपूर्ण रहे हैं. 2015 में अमेरिका के तत्‍कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान से एक ऐतिहासिक परमाणु संधि की थी. इस संधि में इन दोनों देशों के अलावा संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के स्‍थायी सदस्‍य और यूरोपीयन यूनियन भी शामिल हुआ था. अमेरिका में सत्‍ता हस्‍तांतरण होने के बाद तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इस संधि से खुद को अलग कर दिया था. उनका आरोप था कि इस संधि से अमेरिका को कोई फायदा नहीं हुआ है.

Iran पर लगाए थे कई प्रतिबंध

डोनाल्ड ट्रंप ने संधि से अलग होने के साथ ही ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए थे. इसके बाद ईरान ने भी इस संधि से खुद को अलग करने की घोषणा कर दी थी. ईरान ने कहा था कि वो अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाएगा और तय सीमा से अधिक यूरेनियम संवर्धन करेगा. अब जो बाइडेन प्रशासन ईरान के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश में लगा है. जानकारों का मानना है कि मौजूदा घटना के बाद यूएस की इस कोशिश को झटका लग सकता है.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post Coronavirus : केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब को लिखा पत्र, बताईं कोविड-19 के रोकथाम की कमियां
Next post China के खिलाफ America ने बनाई नई रणनीति, Psychological Warfare से बीजिंग को मात देने की तैयारी
error: Content is protected !!