नगर राजभाषा समिति के तत्वाधान में काव्यर पाठ एवं कहानी पाठ प्रतियोगिता संपन्न हुई
बिलासपुर. 28 अक्टूबर को नगर राजभाषा कार्यान्वएयन समिति, बिलासपुर के तत्वा वधान में बिलासपुर स्थित विभिन्न कार्यालयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए प्रथम पाली में ‘ हिंदी काव्यम पाठ‘ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में सी.एम.पी.डी.आई. के हेमंत कुमार राठौर ,सी.आई.एस.एफ. से सरोज कुमार त्रिपाठी, रेलवे से आर.के. श्रीवास, लेखा परीक्षा से अभिषेक रंजन चुन्नूं एवं निशांत कुमार, बैंक ऑफ बड़ौदा से अनुपम अग्रवाल, भारतीय स्टेिट बैंक से श्रुति पांडेय एवं अर्पिता प्रकाश, पंजाब नेशनल बैंक से विवेक कुमार, डाक विभाग से पालेश्वमर साहू, रमित सिन्हा एवं निवेदिता शुक्लाप, एनटीपीस से मणिशंकर दुबे , रश्मि क्षत्रीय, ने प्रतियोगिता में अपनी कवताएं सुनाई . काव्यस पाठ प्रतियोगिता निर्णायक की भूमिका द्वितीय पाली में ‘कहानी पाठ’ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय स्टेकट बैंक से कल्पाना प्रसाद एवं पी.वी. रमेश राव , बी.ई.एम.एल. से अरभद सिद्दीकी, श्यासम सुंदर प्रसाद एवं राजीव कुमार ,रेलवे से श्रीमती सोमप्रभा तिवारी एवं टी. श्रीनिवास, , पंजाब नेशनल बैंक से हेमंत सिंह राठौर, बैंक ऑफ बड़ौदा श्रीमती मनीषा यादव, रेलवे से सुंदरलाल कुर्रेने स्वंरचित कहानिया प्रस्तुैत की । 27 अक्टूम्बर, को हिंदी टिप्पुण- आलेखन, हिंदी निबंध एवं हिंदी वाक् प्रतियोगिता का आयोजन ऑनलाइन गूगल मीट से किया गया । आलेखन टिप्पटण में रोजमर्रा के सरकारी में प्रयोग किये जाने वाले वाक्यांनश एवं शब्दग तथा राजभाषा नियम एवं राजभाषा हिंदी को क्रियान्वित करने के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में सवाल रखा गया । इस प्रतियोगिता में 14 प्रतिभागी शामिल हुए. दूसरी ओर निबंध के लिए (1) भारत की सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति में महिला सशक्तिकरण (2) हिंदी की वर्तमान स्थिति – चुनौतियां एवं समाधान तथा (3) ऊर्जा संकट के कारण एवं उपाय रखा गया था . इसमें 12 उम्मी दवारों ने अपने विचार लिखे । उपर्युक्त कार्यक्रमों में साकेत रंजन, मुख्यि जनसंपर्क अधिकारी एवं वरिष्ठ साहित्यककार द्वारका दास वैष्ण व ने निर्णायक की भूमिका निभाई. कार्यक्रम में समन्वेय विक्रम सिंह , वरिष्ठे राजभाषा अधिकारी ने की तथा प्रबंधन में पी.एल.जाटवर, पी.के. गवेल एवं सावन सिंह कंवर रहे । निर्णायक के रूप में अपने विचार व्यमक्तक करते हुए साकेत रंजन, मुख्यव जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि सभी कहानियो के अंतर्गत की भावनाओ से ओत प्रोत है । सभी में मानव मन की कोमलतम भावनाओ का सुंदर समायोजन है, जिससे यह कहानी प्रतियोगिता न रह कर भावनाओ का सुंदरतम संसार बन गया । वैषणव जी ने कहा कि सभी रचनाकारों ने अपनी बहुत सुंदर रचनाएं प्रस्तुनत की जो समसामयिक थी ।