गांधी के विचारों को आत्मसात करने से पहले मन से गोड़से को निकाले : अभयनारायण राय
बिलासपुर. आजादी की 75 वर्षगांठ को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में केन्द्र की भाजपा सरकार मना रही है। नमक सत्याग्रह आंदोलन को भी 91 साल पूरे हो रहे है, 12 मार्च 1930 को दांडीयात्रा महात्मागांधी ने नमक सत्याग्रह के नाम से प्रारंम्भ किया था। 41 दिन की यात्रा के पश्चात् 5 अप्रैल को दांड़ी पहुंचकर नमक कानून तोड़ा गया था। भारतीय जनता पार्टी द्वारा अमृत महोत्सव के नाम पर किये जा रहे आयोजनों को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अभयनारायण राय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता गांधी के विचारों को आत्मसात करने से पहले अपने मन से गोडसे की विचारधारा को निकाले। अभयनारायण राय ने कहा कि प्रधानमंत्री के अव्हान पर भारतीय जनता पार्टी साबरमती से दांड़ी यात्रा आज करती है तो जिस तरह महात्मा गांधी ने नमक से कर वापस लेने के लिये अंग्रेजों के लिखाफ यात्रा की थी। आज भारतीय जनता पार्टी कृषि विधेयक जिसे देश स्वीकार नहीं कर रहा है। उसे वापस लेने के लिए आंदोलन करे तो गांधी जी को और दांडी यात्रा को सम्मान मिलेगा। प्रदेश प्रवक्ता ने स्थानीय भाजपा नेता पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल से भी विज्ञप्ति जारी कर पूछा की आप 20 साल तक बिलासपुर शहर के विधायक रहे 15 साल तक छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री रहे एक भी दिन आपकों शनिचरी स्थित पवित्र वट वृक्ष जंहा 1933 में महात्मा गाँधी बिलासपुर आकर सभा लिये उस जगह की याद नहीं आयी। अचानक भूत पूर्व विधायक मंत्री होते ही बापू और वट वृक्ष दोनों की याद आ गई। यही दोहरा चरित्र दोहरे विचार, मन में गोडसे और मुख में गांधी का प्रमाण है फिर भी देर आये दूरस्त आये आप और आपकी पार्टी को बधाई की आप बापू की षरण में आ गये है गोडसे को मन से निकाले और और बापू को मन में स्थान दे।