April 27, 2024

नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास

सागर. नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कृत्य करने वाले आरोपी रोहित पिता सोहन रजक थाना-रहली को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की घारा-366 के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रूपये का अर्थदंड एवं  धारा-376(2)(एन) के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास व पॉच हजार रूपये अर्थदंड एवं अनु.जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा-3(1)(ू) (प) के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड तथा धारा-3(2)(अं)  के तहत आजीवन सश्रम कारावास व पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है एवं पीड़िता का दो लाख रूपये प्रतिकर दिलाये जाने का आदेश न्यायालय द्वारा पारित किया गया। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि बालिका के मामा/शिकायतकर्ता द्वारा दिनॉक 15.10.2018 को थाना-रहली में रिपोर्ट लेख कराई कि सावन के महीन में उसकी भॉजी घर पर रहने आई थी दिनॉक -14.10.2018 की रात खाना खाकर सो गई थी, रात 2ः00बजे उसने उठकर देखा तो भॉजी घर पर नहीं थी उसकी आस-पास तलाश की लेकिन उसका काई पता नहीं चला । कोई अज्ञात व्यक्ति उसकी लड़की को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है। विवेचना के दौरान दिनॉक 22.10.2018 को बालिका के दस्याब होने पर उसके द्वारा बताया गया कि अभियुक्त रोहित रजक उसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर भगाकर ले गया थाा और उसके साथ बुरा काम किया।उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-रहली में धारा -366क, 376(2)(एन) भा.दं.सं. एवं धारा 3/4, 5/6, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं अनु.जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा-3(1)(ू) (पप) , 3(2)(अं) का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपी को रोहित पिता सोहन रजक को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।
सी.सी.रोड निर्माण में गबन करने वाले आरोपियों को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10,000-10,000-/रूपये अर्थदण्ड : सी.सी.रोड निर्माण में गबन करने वाले सभी आरोपियो ततकालीन सरपंच रामाधार चढ़ार एवं  ग्यानबाई एवं सचिव रोहित कुर्मी, उप-यंत्री प्रवीण असाटी थाना-भानगढ़ को प्रथम अपर-सत्र न्यायाधीश,बीना जिला सागर ,श्री हेमंत कुमार अग्रवाल की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की घारा- 405,420,467,468,471 के तहत 10-10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10,000-10,000/- रू. अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है । मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री श्यामसुंदर गुप्ता ने की । घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि थाना भानगढ़ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बीना के द्वारा रिपोर्ट लेख कराई कि ग्राम पंचायत  भानगढ़ में वर्ष 2009-10 में विधायक विकास निधि से सी.सी. रोड मनोज जैन के मकान से बहादुर सेन के मकान तक 1,99,000/-रू.की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। कार्यालयीन अभिलेख अनुसार कार्य प्रारंभ करने हेतु दिनॉक04.08.09 को प्रवीण असाटी उपयंत्री द्वारा ले-आउट प्रदान करने पर एक लाख प्रथम किस्त के रूप में रामाधार एवं रोहित कुर्मी केा प्रदान किये गये उसके पश्चात द्वितीय किस्त तत्कालीन सरंपच ग्यानवार्ड एवं रोहित कुर्मी को 75,000/- और अंतिम किस्त 24,000 रू. प्रदान किये गये। कार्य का मूल्यांकन उपयंत्री प्रवीण असाटी द्वारा किया गय । दैनिक भास्कर अखबार के माध्यम से उक्त कार्य नहीं होने की जानकारी अनुसार प्रकरण की जॉच कराई गयी जिससे उक्त कार्यस्थल पर सी.सी.रोड निर्माण कार्य नहीं होना पाया गया, बाद में ज्ञानबाई सरपंच द्वारा 1,99,000/-की राशि जमा कर दी गयी। उक्त प्रकरण में कलेक्टर महोदय द्वारा दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश दिये गये थे उपरोक्तानुसार जॉच में सी.सी. रोड निर्माण वर्ष 2009-2010 हेतु प्रदाय राशि 1,99,000/- कार्य निर्माण ऐजेंसी द्वारानहीं कराना पाया गया तथा आहरित कर फर्जी दस्तावेज बिल बाउचर आदि तैयार कर 1,99,00/- का गबन किया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-भानगढ़ में धारा -405,420,467,468,471 भा.दं.सं. का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय प्रथम अपर-सत्र न्यायाधीश,बीना जिला सागर ,श्री हेमंत कुमार अग्रवाल की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपी को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।

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