May 1, 2024

सुराजी ग्राम योजना से गांवों में आया सुराज, बहने लगी विकास की बयार


बिलासपुर. छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी ग्राम योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी का क्रियान्वयन जिले में किया जा रहा है। इस योजना से गांवों में सुराज आया है। किसानों, पशुपालकों, महिला और भूमिहीनों को नई ताकत मिली है। उन्हें आमदनी और रोजगार का नया जरिया मिल गया है। ग्रामीण आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे है। गांवों में अब विकास की बयार बहने लगी है। नरवा विकास कार्यक्रम के तहत् जिले के चार विकासखण्डों में 38 नरवा का चिन्हांकन कर नरवा के उद्गम स्थल से समागम स्थल तक ग्राउण्ड ट्रूथिंग कराया जाकर डीपीआर तैयार किया गया है। इन कार्याें के संपादन से नरवा के भूजल स्तर में 2.26 प्रतिशत की वृद्धि मापी गई है। इसी प्रकार 149.94 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्रफल में एवं 2.41 प्रतिशत फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है।


चारागाह विकास कार्यक्रम 
जिले में 2 लाख 27 हजार 756 पशुधन हेतु 318 ग्राम पंचायतों में 1489 एकड़ में गौठान निर्माण कार्य किया गया है। उक्त गौठानों में पशुधन के स्वच्छ पेयजल हेतु सोलर पंप स्थापित किया गया है। पशुधन के चारे हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 में 14500 हेक्टेयर सूखा चारा के लिए पैरादान कराया जाकर चारे की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पशुओं के हरे चारे के लिए 153 चारागाह का विकास करते हुए नैपियर तथा 80 गौठानों में मक्का लगाया गया है। पशुधन विभाग द्वारा 179 शिविर का आयोजन कर 2 हजार 603 पशु उपचार, 9 हजार 980 पशु टीकाकरण, 3 हजार 333 पशुधन के लिए औषधि वितरण, 390 मादा पशुधन का कृत्रिम गर्भाधान, 283 नर पशुधन का बधियाकरण एवं 3 हजार 328 पशुधन का डी वर्मी किया गया है। 184 ग्राम पंचायतों में ग्राम गौठान एवं प्रबंधन समिति का गठन किया गया है जो कि गौठान के सुचारू एवं प्रभावी संचालन के लिए ग्रामवासियों के साथ बैठक कर प्रबंधन कर रहे है।


घुरवा उन्नयन 
जिले के 292 ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों द्वारा 15 हजार 643 पारम्परिक घुरवा के उन्नयन का कार्य किया गया है। घुरवा के तहत् जिले में 43 हजार 800 मेट्रिक टन जैविक खाद का उत्पादन किया गया है। जिसका उपयोग हितग्राही द्वारा स्वयं की कृषि भूमि एवं बाड़ी में किया जा रहा है।

बाड़ी विकास कार्यक्रम 
बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत् 2019-20 से 2021-22 तक 5 हजार 188 बाड़ियों में 95 हजार 626 पौधों का वितरण किया गया है। इसी प्रकार 2 हजार 29 बाड़ियों में 228.70 किलोग्राम खरीफ मौसम में बीज वितरण किया गया। रबी मौसम में 5 हजार 988 बाड़ियों में 2614 किलोग्राम बीज का वितरण किया गया। इस प्रकार ग्रामीणों की पारम्परिक बाड़ी में बीज वितरण कर बाड़ी विकास कार्य कराया गया। सुराजी ग्राम योजना के तहत् 36 निर्मित गौठानों एवं चारागाह में स्व सहायता समूह के माध्यम से सामुदायिक बाड़ी विकास का कार्य किया गया। स्व सहायता समूह की महिलाओं को इससे आय का नया जरिया मिल गया एवं महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए यह एक बेहतर विकल्प बन गया है। सुराजी गांव योजना से गांव में उत्साह का नया वातावरण बना है। रोजगार के नये अवसर बढ़े है। महिला स्व सहायता समूह को स्वावलंबन की नई राह मिली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post नाबालिग बालिका के साथ गलत काम करने वाले आरोपी पिता को न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
Next post एक क्लिक में पढ़ें बिलासपुर की ख़ास ख़बरें…
error: Content is protected !!