May 1, 2024

धारदार हथियार से चोट पहुंचाने वाले आरोपीगण को तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास

जतारा/टीकमगढ़. मीडिया सेल प्रभारी एडीपीओ एन.पी. पटेल ने बताया कि दिनांक 30.06.2018 को बृजेन्द्र वंशकार ने इस आशय की देहाती नालसी रिपोर्ट दर्ज करायी कि वह ग्राम मुहारा में रहता है तथा मजदूरी करता है उसका और उसके चाचा अनंतराम का पुराना जमीनी विवाद चल रहा है। शाम को जब वह मजदूरी करके घर आया तो घर पर बच्चों से पता चला कि शाम करीब 06:30 बजे जब उसके पिता पप्पू और मां लड़कूबाई राजा पहारिया खेत गए तो वहां पर चाचा अनंतराम और चाची चिरोंजी द्वारा उनके हार में आने पर बुरी-बुरी गालियां देने लगे और घर के कुआ पर आने पर जान से मारने की कहने लगे तो उसके माता पिता ने उन्हें गालियां देने से मना किया और कहा कुआ हमारा है। इस पर चाचा अनंतराम (आरोपी) ने जान से मारने की नियत से उसके पापा को कुल्हाड़ी मारी जो छाती में बांए तरफ लगी। पापा बेहोश हो गये, मां बचाने दौड़ी तो चाची चिरोंजीबाई ने उनकी लाठी से मारपीट की। पापा को मरा समझकर दोनों वहां से भाग गऐ तब मुकेश वंशकार ने 108 एम्बुलेंस को बुलाया और जतारा अस्पताल ले गया वहां से टीकमगढ़ और टीकमगढ़ से उन्हें झांसी रेफर किया गया। उक्त देहाती रिपोर्ट के आधार पर पुलिस थाना जतारा में अपराध अंतर्गत धारा 307, 323, 294, 34 भा.दं.वि. के तहत आरोपीगण के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गयी। घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया। चिरोंजीबाई के मेमोरेण्डम कथन लेख किये गये, जिसके आधार पर जप्ती पत्रक द्वारा एक बांस की लाठी जप्त की गयी तथा आरोपी अनंतराम के मेमोरेण्डम के कथन लेखबद्ध किये गये, जिसके आधार पर जप्ती पत्रक द्वारा साक्षीगण के समक्ष एक कुल्हाड़ी जप्त की गयी। आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया। आहत पप्पू बंशकार के साक्षीगण के समक्ष खून-आलूदा कपड़े जप्ती पत्रक के द्वारा जप्त किये गये। जप्तशुदा माल को रासायनिक परीक्षण हेतु पुलिस अधीक्षक के ड्राफ्ट के माध्यम से भेजा गया है। दिनांक 10.09.2018 को आहत पप्पू की चोटों के संबंध में सी.एच.सी जतारा से क्वेरी करायी गयी थी। इस प्रकार संपूर्ण अनुसंधान के उपरांत आरोपी के विरूद्ध अपराध सिद्ध पाये जाने से अभियोग पत्र न्‍यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्‍यायालय प्रथम अपर सत्र न्‍यायाधीश एम.डी. रजक, जतारा द्वारा प्रकरण की समस्‍त परिस्थितियों पर विचारोपरांत पारित अपने निर्णय में आरोपीगण अनंतराम वंशकार एवं चिरोंजीबाई वंशकार को धारा 307 सहपठित धारा 34 भा.दं.वि. में 03-03 तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000-5000/- (पांच-पांच हजार) रूपये के अर्थदण्‍ड से दंडित किया गया है। उक्‍त प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी पी.सी. जैन, अपर लोक अभियोजक द्वारा की गई।

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