April 28, 2024

जो किया नहीं उसका भी दावा, जो दिया नहीं वह भी गिना गई निर्मला सीतारमण


रायपुर. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस वार्ता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह से फेल हो चुकी है। बताने के लिए इनके पास कुछ नहीं है, 20 लाख़ करोड़ के जुमला पैकेज पर फिर से अपनी ही पीठ थपथपा रही है। मोदी सरकार के चंद पूंजीपति मित्रों के लाखों करोड़ के लोन राइट ऑफ़ और सहयोगियों के बैंक फ्रॉड के चलते बैंकों की हालत ख़राब हो चुकी है। निर्मला सीतारमण बताए कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए जाने वाला लोन, आपदा राहत कैसे? कोरोना संकट के दौरान लगभग सवा 7 लाख प्रवासी मजदूर छत्तीसगढ़ लौटे हैं। 15 साल के रमन सरकार के कुशासन में छत्तीसगढ़ गरीबी रेखा में नंबर वन पर पहुंचा दिया गया था, राष्ट्रीय औसत से लगभग दुगुने औसत में, लेकिन प्रधानमंत्री मजदूर कल्याण रोजगार योजना में छत्तीसगढ़ को शामिल नहीं किया गया, क्यों? पीएम किसान सम्मान निधि योजना के संदर्भ में राष्ट्रीय पोर्टल पर प्रदर्शित जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुल पंजीकृत हितग्राहियों में से 7,81,688 किसानों को राशि नहीं दी जा रही है क्यों? सबके लिए वैक्सीन भी सिर्फ़ एक जुमला है। कांग्रेस के दबाव और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मोदी सरकार सबको मुफ़्त वेक्सीन देने को बाध्य हुई वरना मोदी सरकार तो दो वैक्सीनो के लिए पांच दाम की अनुमति देकर यहां भी मुनाफाखोरी का अवसर भुनाने में लगी थी। जब देश को वैक्सीन की सख्त जरूरत थी, वेक्सीन का उत्पादन और उपलब्धता सीमित थे, ऐसे समय में विदेश भेजा, कोविड से होने वाली बड़ी संख्या में मौत के जिम्मेदार भी मोदी सरकार का कुप्रबंधन ही है। वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर लगातार छत्तीसगढ़ की उपेक्षा जग जाहिर है, माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने भी मोदी सरकार से पूछा था कि वैक्सीन की सप्लाई को बाधित करने का कारण क्या है? मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों, नोटबंदी, बिना तैयारी के जीएसटी और आम लोगों के पास उपलब्ध संसाधन और क्षमता को जांचे परखे अचानक लगाए गए लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था तहस-नहस कर दी गई। दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष का वादा मोदी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किया था, नए रोजगार तो दूर विगत 7 वर्षों में लगभग 23 करोड़ों लोगों की लगी लगाई नौकरी छूट गई। 27 करोड़ लोग मध्यमवर्ग से गरीबी रेखा में और गरीबी रेखा से नीचे आ गए। लगभग 19 करोड़ लोग मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण भुखमरी की स्थिति में पहुंच गए। दरअसल पूंजीवाद ही आरएसएस, भाजपा का मूल एजेंडा है और यही कारण है कि केंद्र की नीतियां केवल हम दो और हमारे दो पर फोकस करके बनाई और संचालित की जा रही है। एक तरफ जहां देश भर में लगभग 97 प्रतिशत लोग आय की कमी से जूझ रहे हैं, वही मोदी साहब के चंद पूंजीपति मित्रों की आय सैकड़ों गुनी बढ़ रही है। केंद्र की पूंजीवादी और गलत आर्थिक नीतियों के चलते अमीरी और गरीबी के बीच का फासला तेजी से बढ़ रहा है। चुने हुए अमीर और अमीर बन रहे हैं लेकिन बाकी का पूरा देश गरीब बनता जा रहा है। देश के संसाधन, देश के सार्वजनिक उपक्रम, नवरत्न कंपनियां, बैंक, बीमा, रेलवे, बंदरगाह, एयरपोर्ट एक-एक करके मोदी सरकार सब कुछ बेच रहे हैं। क्या यही आपका आत्मनिर्भर भारत मॉडल है? प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा के “सेवा और समर्पण“ से तात्पर्य चंद पूंजीपतियों के हित की चौकीदारी, सेवा और पूंजीवाद के प्रति समर्पण से है। आमजन के हित, हक और अधिकारों से भाजपा का कोई सरोकार नहीं। छत्तीसगढ़ से जीएसटी का रिकॉर्ड कलेक्शन हो रहा है उसके बावजूद जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि लगातार रोकी जा रही है। कोल की रॉयल्टी और माइनिंग मद का पैसा भी केंद्र के पास बकाया है। खाद सब्सिडी की राशि 1050 करोड़, 2018-19 के केंद्रीय कर में राज्य के हिस्से का लगभग 816 करोड़, 2019-20 का 5808 करोड़ और 2020-21 का 6465 करोड़ की राशि अब तक नहीं मिली है। पेट्रोल-डीजल पर सेंट्रल एक्साइज कम करके सेस लगाना संघीय ढांचे के खिलाफ राज्यों के वित्तीय अधिकारों पर आघात है। ₹1000/- से कम के कपड़े और पेन, आइसक्रीम जैसे आम उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाना मोदी सरकार का जनविरोधी नीतियों का प्रमाण है। एमएसपी के अतिरिक्त बोनस या इनपुट सब्सिडी के रूप में राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से किसानों को अतिरिक्त राशि देने से रोकना, अतिरिक्त उपार्जित धान चावल को केंद्रीय पुल के तहत लेने कोटे में कटौती करना, आनाकानी करना भाजपा और मोदी के छत्तीसगढ़िया विरोधी, किसान विरोधी होने का प्रमाण है। मोदी सरकार और अति विश्वास और सत्ता के अहंकार में इतना मस्त हो चुकी है कि इन्हें ना गरीब दिखता है, ना किसान और ना ही देश का आम इंसान। सच का सामना करके अपनी गलतियों को ठीक करने के बजाय मोदी सरकार सच कहने वालों की आवाज दबाने में लगी है। असहमति को कुचलने में लगी हैं। भाजपा और मोदी सरकार का रवैया छत्तीसगढ के हक और हित के खिलाफ़ है।

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