
नाबालिग को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म़ करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर. नाबालिग को शादी का झांसा देकर भगा ले जाकर दुष्कर्म़ करने वाले अभियुक्त राहुल अहिरवार को भा.द.वि की धारा-366 के तहत 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-376(3) के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड तथा पॉक्सोे एक्ट की धारा-5एल/6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता के पिता ने थाना राहतगढ़ में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि पीड़िता/बालिका दिनॉक 07.09.2021 को स्कूल जाने का कहकर घर से निकली थी किंतु स्कूल से घर वापस नहीं आई जिसकी तलाष करने पर उसका कोई पता नहंीं चला। संदेही राहुल अहिरवार द्वारा बालिका को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने की शंका व्यक्त की । दिनॉक- 13.12.2021 को पीड़िता/बालिका के दस्तयाव होने पर उसने अपने कथनों में अभियुक्त द्वारा उसे शादी का झांसा देकर भगा ले जाकर शारीरिक संबंध बनाया जाना बताया।उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-राहतगढ़ द्वारा भा.दं.सं. की धारा-363,366ए, 376(3),376(2)(एन) एवं पॉक्सों एक्ट की धारा- 5एल/6 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।