आपातकाल की 50वीं बरसी पर लोकतंत्र सेनानियों का होगा सम्मान

 

बिलासपुर. देश के लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज 25 जून 1975 की याद में 25-26 जून को “संविधान हत्या दिवस” और “आपातकाल काला दिवस” के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष आपातकाल की 50वीं बरसी है, जिसे व्यापक जनजागरूकता और लोकतंत्र की रक्षा के संकल्प के रूप में मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं।

आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों को इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इस आयोजन में आपातकाल के काले अध्याय पर आधारित विचार गोष्ठी, प्रबुद्ध वक्ताओं के भाषण और दस्तावेजों का विमोचन भी किया जाएगा।

आपातकाल वह समय था जब देश की तत्कालीन सत्ता ने एक न्यायालयीन आदेश के खिलाफ जाकर तानाशाही रवैया अपनाते हुए लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया। लाखों विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बिना सुनवाई के जेलों में ठूंस दिया गया। समाचार पत्रों की स्वतंत्रता छीनी गई, सेंसरशिप थोप दी गई, पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया और प्रेस की मशीनों तक को सील कर दिया गया।

इसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को युवाओं तक पहुंचाने के उद्देश्य से लोकतंत्र प्रहरी संगठन और लोकतंत्र सेनानी संघ के सहयोग से प्रदेश स्तर पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं के लिए विषय होगा “संविधान हत्या दिवस कितना प्रासंगिक?” और विद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए विषय है “आपातकाल कभी विस्मृत न हो?”

प्रतियोगिता में विजेताओं को क्रमशः 31 हजार, 21 हजार और 11 हजार रुपये के नगद पुरस्कार दिए जाएंगे। इसके अलावा चयनित निबंधों को प्रोत्साहन पुरस्कार और विद्यालय/महाविद्यालय को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।

प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छुक छात्र-छात्राएं अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9425202652 तथा 9425252092 पर संपर्क कर सकते हैं।

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