खाद की कमी और एग्री स्टेक पोर्टल किसानों के लिए सर दर्द बना

सितंबर में 50 हजार मीट्रिक टन केन्द्र से यूरिया आने का दावा भी झूठा साबित हुआ


रायपुर. 
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष समर्थन मूल्य में धान बेचने के लिए किसानों का एग्री स्टेक पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य कर दिया है। पोर्टल खुल नहीं रहा, किसान परेशान है, पंजीयन हो नहीं पा रहा। सरकार सभी किसानों का पूरा धान नहीं खरीदना चाहती। इसलिए यह सब कठिनाई पैदा की जा रही ताकि पंजीयन नहीं हो। हमारी मांग है धान खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन की पुरानी प्रक्रिया ही अपनाई जाए ताकि सभी किसान आसानी से पंजीयन करवा सके।


प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा  ने कहा कि सरकार किसानों को पहले डीएपी नहीं दे पाई, अब पूरे प्रदेश में यूरिया की कमी से किसान परेशान है। सोसायटियों में यूरिया पहुंची नहीं है, खुले बाजार में भी यूरिया का संकट है। दुगुनी से अधिक कीमत पर यूरिया मिल रही है। 266 की यूरिया 1000 रू. में और 1350 की डीएपी 2000 रू. में बिक रही है।


प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा  ने कहा कि केंद्रीय उर्वरक मंत्री नड्डा से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि सितंबर महीने में 50 हजार मीट्रिक टन यूरिया केन्द्र के द्वारा भेजा जाएगा, जिसमें से सरकार ने कहा था सितंबर के पहले और दूसरे सप्ताह तक 30 हजार मीट्रिक टन यूरिया सोसायटियों में पहुंच जायेगा। 11 सितंबर हो गया है अभी तक यह यूरिया न सोसायटियों में पहुंचा है और न ही किसानों तक पहुंचा है। सरकार का दावा यहां भी झूठा साबित हुआ।
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