B’day Special: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हुए फेल, तो राजनीति के पिच पर खेली कामयाब पारी


नई दिल्ली. बतौर क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला  (Laxmi Ratan Shukla) के बारे में कम ही लोग जानते होंगे. क्योंकि जिस साल उन्होंने अपने वनडे करियर की शुरुआत की उसी साल उन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय मैच खेला. टीम इंडिया में उनके खेलने का ख्वाब पूरा तो हुआ लेकिन लंबे वक्त तक नहीं चल पाया. उन्होंने भारत के लिए महज 3 वनडे मैच खेले हैं और उसमें महज 1 विकेट हासिल किए. बदकिस्मती से उन्हें दोबारा टीम इंडिया में वापसी का मौका नहीं मिला.

वो बंगाल टीम के लिए प्रथम श्रेणी मैच खेलते थे. सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की कप्तानी में उनकी टीम ने साल 2012 की विजय हजारे ट्रॉफी जीती थी. अगले ही साल उन्हें बंगाल टीम का कप्तान बना दिया गया था. आईपीएल में वो कोलकाता नाइटराइडर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद टीम को अपनी सेवाएं दे चुके हैं. साल 2015 के आखिर में उन्होंने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया और अपनी नई पारी की तरफ बढ़ने लगे.

साल 2016 में उन्होंने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की सदस्यता ले ली. हावड़ा उत्तर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और  उन्होंने बीजेपी की रूपा गांगुली को हराकर जीत हासिल की. ममता सरकार में उन्हें अपने मंत्रिमंडल में खेल और युवा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंप दी. भले ही क्रिकेट के करियर में उतने कामयाब नहीं हो सके, लेकिन बंगाल राज्य की राजनीति में उन्होंने एक खास मुकाम हासिल किया है. अब देखना होगा कि वो इस नई पिच पर कितनी लंबी पारी खेल पाते हैं.

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