May 10, 2024

राज्य में गोधन न्याय योजना का माॅडल बन रहा है बिलासपुर जिला

बिलासुपर. गोधन न्याय योजना का बिलासपुर जिले में राज्य स्तर पर उत्कृष्ट क्रियान्वयन सफलता पूर्वक किया जा रहा है। वर्तमान में बिलासपुर जिला गोधन न्याय योजना के माॅडल के रूप में राज्य स्तर पर स्थापित हो रहा है। जिले के 257 सक्रिय गोठानो में 7536 पशुपालको द्वारा 1 लाख 48 हजार 390 क्विंटल गोबर गोठानो में विक्रय किया गया जिससे अब तक गोबर विक्रेता पशुपालको को 2 करोड़ 94 लाख 14 हजार रूपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।


गोबर बेचकर खरीदा दुपहिया वाहन 
गोधन न्याय योजना बिलासपुर जिले में 20 जुलाई 2020 से संचालित है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो के पशुपालको, चरवाहो एवं ग्रामीण स्तर के साधारण गरीब पशुपालक परिवारो को गोबर विक्रय से अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है जिससे पशुपालक अपनी दैनिक जरूरतो को पूरा कर रहे है। विकासखण्ड बिल्हा के गोठान ग्राम सेलर के पशुपालक लोकेश कुमार ने गोबर विक्रय कर अपने लिए दुपहियाॅ वाहन खरीदा।
वर्मी खाद विक्रय कर महिलाओं ने अर्जित किया 67  लाख 42 हजार का लाभांश, जैविक खेती से किसानों को प्रति हेक्टेयर हो रही है।

5 हजार रू. तक की बचत 

वर्तमान में जिले के 257 सक्रिय गोठानो में खाद निर्माण कार्य एवं अन्य गतिविधियों में 257 स्व सहायता समूह जुटे हुए है। समूहों द्वारा 19 हजार 861 क्विं. वर्मी खाद एवं 15 हजार 885 क्विं सुपर कम्पोस्ट खाद निर्माण कर कुल 2 करोड़ 54 लाख 40 हजार रूपए मूल्य के 17 हजार 501 क्विं वर्मी खाद एवं 13 हजार 323 क्वि. सुपर कम्पोस्ट खाद का विक्रय किया जा चुका है। जिससे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रांे की महिलाओ ने लाभांश राशि के रूप में 67 लाख 42 हजार रू. अर्जित किया। योजना से ग्रामीण क्षेत्रो में रोजगार सृजन को बढावा मिल रहा है।

विकासखण्ड कोटा के गोठान ग्राम शिवतराई में महामाया स्व सहायता समूह ने 1204.43 क्विं वर्मी खाद का निर्माण एवं विक्रय कर 3 लाख 94 हजार रूपए लाभांश राशि के रूप में अर्जित किया साथ ही कंेचुआ पालन एवं विक्रय से 5 लाख रू., सब्जी उत्पादन से 50 हजार रू. एवं मशरूम उत्पादन से 20 हजार रू तथा मुर्गी पालन, बटेर पालन, बकरी पालन से लगभग 1 लाख 50 हजार रू. का अतिरिक्त आय प्राप्त किया है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती साफिन बाई ने बताया कि गोधन न्याय योजना से खाद निर्माण एवं विक्रय के माध्यम से जो आमदनी प्राप्त हुई, उससे अपनी रोजमर्रा की आवश्यकताओ की पूर्ति के साथ-साथ अपनी पुत्री के विवाह में खर्च किया।

विकासखण्ड मस्तूरी के गोठान ग्राम जुहली के जय बुढादेव स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा वर्मी खाद उत्पादन एवं विक्रय से 1 लाख 25 हजार  रू. एवं केचुआ पालन एवं विक्रय से 2 लाख रू. की अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की गई। वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन एवं खेतों में उपयोग से जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है तथा रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम हुई है। समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन से खेती के लागत मे कमी आयी है जिससे लघु-सीमांत एवं दीर्घ कृषकों को प्रति हेक्टेयर 3 हजार रू. से 5000 तक की बचत हो रही है।

जिले के 21 गोठान मल्टीएक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित, 76 गोठान स्वावलम्बन की ओर अग्रसर 
जिले में संचालित गोठानों को मल्टीएक्टिवीटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। वर्तमान में 21 गोठानो को मल्टीएक्टिवीटी सेंटर के रूप में विकसित करते हुये यहां बतख पालन, मुर्गी पालन, चारागाह निर्माण एवं चारा उत्पादन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन, केचुआ पालन एवं सब्जी उत्पादन का कार्य किया जा रहा है जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था कोे संबल मिल रहा है। अब महिलाओं की अपने घर के पुरषों पर आर्थिक निर्भरता कम हुई है। गोधन न्याय योजनान्तर्गत वर्तमान में जिले के 76 गोठान स्वावलंबन की ओर अग्रसर हो रहे है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रो में रोजगार सृजन एवं ग्रामीण आर्थिक परिवेश का बेहतर वातावरण तैयार हो रहा है। यह योजना गरीब महिलाओ, लघु सीमांत कृषको एवं चरवाहो को गोबर विक्रेता के रूप में अतिरिक्त आय प्रदान कर रहा है तथा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के रूरल इण्डस्ट्रियल पार्क के सपने को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

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